- दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण शीतलहर की चपेट में
- दिल्ली के लोधी रोड़ में शनिवार को 1.7 डिग्री जबकि आया नगर में 1.9 डिग्री दर्ज किया गया तामपान
- लगातार बढ़ रही ठंड से ब्रेन स्ट्रोक सहित कई और भी बीमारियों के मामले में होती है बढ़ोत्तरी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण शीतलहर की चपेट में है और ठंड का कहर जारी है। दिल्ली के लोधी रोड़ में शनिवार को 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि आया नगर में 1.9 डिग्री तामपान दर्ज किया गया। मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिन तक इसी तरह की ठंड का कहर बना रह सकता है। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी ठंड का असर साफ देखा गया।
ठंड की असर यातायात पर भी देखने को मिल रहा है और कई रेलगाड़ियां समय से पीछे चल रही है और लगभग 10 ट्रेनों केसमय में बदलाव किया गया है। ठंड की वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा है। प्रदूषण मापने वाली निजी संस्था सफर के मुताबिक अगले दो दिनों तक प्रदूषण की स्थिति गंभीर रहेगी और 31 दिसंबर को हवा चलने के बाद इसमें सुधार होगा।
पूरे उत्तर भारत में शीत लहर
इस बाद पूरे उत्तर भारत में हांड कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्था, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में ठंड की वजह से पारा काफी नीचे गिर गया है। राजस्थान में कई जगहों पर रात का तापमान पांच डिग्री से नीचे चले गया है। वहीं उत्तराखंड और हिमाचल के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी जारी है।
जानलेवा हो सकती है ठंड, बचाव है जरूरी
ठंड से बचाव बेहद जरूरी है। लगातार बढ़ रही ठंड से ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़ते हैं। डॉक्टरों की मानें तो ऐसे सीजन में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ जाते हैं। दरअसल सर्दियों में शरीर का रक्तचाप बढ़ता है, जिसके कारण रक्त धमनियों में क्लॉटिंग होने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण रक्तचाप है। रक्तचाप अधिक होने पर मस्तिष्क की धमनी या तो फट सकती है या उसमें रुकावट पैदा हो सकती है।
पानी जरूर पीएं, रहें एक्टिव
ठंड के मौसम में रक्त गाढ़ा हो जाता है और इससे रक्त की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं। इस वजह से रक्त का दबाव बढ़ जाता है। अधिक ठंड पड़ने या ठंडे मौसम के अधिक समय तक रहने पर खासकर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों में स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है। इसके अलावा सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं जिसके कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पानी और तरल पदार्थ पीने चाहिए।