- रिपोर्टों के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दिल का दौरा पड़ा था
- शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा
- काफी समय से बीमार चल रहे थे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
Swaroopanand Saraswati: द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया है। वो 99 साल के थे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम आश्रम में दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज बेंगलुरु में चल रहा था। हाल ही में आश्रम वापस लौटे थे। शुरूआती रिपोर्टों के अनुसार उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें कल यानि कि सोमवार (12 सितंबर 2022) को शाम पांच बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आजादी के आंदोलन से लेकर राम मंदिर आंदोलन तक में काफी सक्रिय थे। आजादी की लड़ाई में कई बार जेल भी जा चुके थे।
उनके निधन पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने शोक जताया है। पिछले साल उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा- "जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के महाप्रयाण का समाचार सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा। स्वामी जी ने धर्म, अध्यात्म व परमार्थ के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। साल 2021 में प्रयागराज में गंगा स्नान के बाद उनका आशीर्वाद प्राप्त कर देश व धर्म की उदारता व सद्भावना पर उनके साथ चर्चा करने का मौका मिला। स्वामी जी ने मेरे पिता के रहते हुए 1990 में हमारी गृहप्रवेश की पूजा कराई थी। ये पूरे समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में स्वामी जी के अनुयायियों को कष्ट सहने का साहस दें। ॐ शांति!"
बता दें कि 1300 साल पहले आदि गुरु भगवान शंकराचार्य ने हिंदुओं और धर्म के अनुयायी को संगठित करने और धर्म के उत्थान के लिए पूरे देश में 4 धार्मिक मठ बनाए थे। इन चार मठों में से एक के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती थे, जिनके पास द्वारका मठ और ज्योतिर मठ दोनों थे। 2018 में, जगतगुरु शंकराचार्य का 95 वां जन्मदिन वृंदावन में मनाया गया था, उनका जन्म 1924 में हुआ था।