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Sedition case: 'जरूरत यदि पड़े तो नोटिस देकर Shehla Rashid को गिरफ्तार कर सकती है पुलिस'  

Updated Nov 15, 2019 | 17:07 IST

Shehla Rashid's Sedition case : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यदि जरूरत पड़े तो पुलिस शेहला राशिद को गिरफ्तार कर सकती है लेकिन गिरफ्तारी से 10 दिन पहले उन्हें नोटिस देनी होगी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
Shehla Rashid : दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत।
मुख्य बातें
  • कश्मीरी नेता शेहला रशीद को गिरफ्तारी से मिली राहत
  • दिल्ली की एक कोर्ट ने कहा-गिरफ्तारी से 10 दिन पहले उन्हें सूचित करें
  • शेहला पर आरोप है कि उन्होंने अपने ट्वीट्स से सेना की छवि खराब की

नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता शेहला राशिद को दिल्ली की एक कोर्ट से राहत मिली है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि यदि शेहला की गिरफ्तारी की जरूरत पड़ती है तो दिल्ली पुलिस 10 दिन पहले नोटिस देकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। शेहला पर सोशल मीडिया पर सेना की कथित रूप से छवि खराब करने के आरोप लगे हैं। शेहला ने कश्मीरियों पर सेना के कथित अत्याचार से संबंधित पोस्ट्स सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे जिसके बाद उन पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ। कोर्ट ने इसके पहले शेहला को गिरफ्तारी से पांच नवंबर तक की अंतरिम राहत दी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा, 'आरोपों की प्रकृति और जांच अधिकारी के इस बयान को कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है, को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की जाती है। साथ ही जांच अधिकारी को यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी की गिरफ्तारी की यदि जरूरत पड़ती है तो 10 दिन पहले नोटिस भेजकर उसे सूचित करें।'

बता दें कि गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के खत्म होने के बाद शेहला ने गत 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर कई ट्वीट् किए थे। अपने इन ट्वीट्स में शेहला ने सेना पर गंभीर आरोप लगाए। सोशल मीडिया पर किए गए अपने पोस्ट्स में एक्टिविस्ट ने सेना पर घाटी में कश्मीरी बच्चों एवं युवकों पर अत्याचार करने और उन्हें यातनाएं देने का आरोप लगाया।    

इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कश्मीर में सेना के बारे में कथित रूप से गलत सूचनाएं फैलाने के आरोप में राजद्रोह एवं अन्य आपराधिक मामलों के तहत शेहला के खिलाफ केस दर्ज किया। कोर्ट में शेहला की ओर से वरिष्ठ वकील सतीश टम्टा एवं वकील सरीम नावेद पेश हुए। शेहला के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि वह जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं। शेहला के वकीलों ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान करने के लिए कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका पेश की। 

वकीलों ने कोर्ट को बताया कि शेहला ने जो ट्वीट किए, वे कश्मीर के लोगों की तरफ से उपलब्ध कराए गए सूचनाओं पर आधारित थे और इसकी जांच की जा सकती है। वकीलों ने कहा कि ऐसे समय में जब कश्मीर के लोगों से कोई बातचीत नहीं हो पा रही थी तो ऐसे में उन्होंने कही-सुनी जा रही बातों के आधार पर कश्मीर की स्थिति के बारे में लोगों को बताया।

बता दें कि राशिद जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की सदस्य हैं। इस राजनीतिक दल का गठन पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने किया है। फैसल जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं। 

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