- एकनाथ शिंदे गुट ने तय किया नया नाम
- बैठक के बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो सकता है ऐलान
- सियासी घमासान के बीच मुंबई से लेकर गुवाहाटी तक जारी है बैठकों का दौर
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के पांचवे दिन शिवसेना के कार्यकर्ता जहां सड़कों पर उतरकर अलग-अलग जगहों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं, वहीं मुंबई से लेकर गुवाहाटी तक में बैठकों का दौर जारी है। इस बीच गुवाहाटी में शिंदे गुट के विधायकों की बैठक हो रही है जिसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी और इसमें विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इस बीच बा विधायक दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने कहा है कि नए गुट का नाम 'शिवसेना- बालासाहेब ठाकरे' होगा।
केसरकर ने कही ये बात
पूर्व गृह राज्य मंत्री और बागी विधायक दीपक केसरकर ने एएनआई को बताया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विधायकों ने एक नया समूह 'शिवसेना बालासाहेब' बनाया। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना की कार्यकारिणी की बैठक कर रहे थे। शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार जुझारू मोड में है और उसके 38 बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
शिवसैनिको का तांडव, पुणे में बागी विधायक के दफ्तर को बनाया निशाना
ठाकरे समर्थकों की तोड़फोड़
वहीं शिंदे गुट शिवसेना के चुनाव चिह्न को हथियाने की भी तैयारी कर रहा है जिसका शिवसैनिकों ने विरोध किया है। मुंबई में शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के पोस्टर भी फाड़ दिए। इतना ही नहीं कई जगह तो बागी विधायकों के चेहरे पर कालिख भी पोती गई। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायक तानाजी सावंत के दफ्तर पर तोड़फोड़ की। तो वहीं पुणे में एकनाथ शिंदे के ऑफिस में लगे होर्डिंग का हटा दिया। इतना ही नहीं शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के तस्वीरों पर स्प्रे पेंट से कालिख भी पोती। इसके अलावा साकीनाका से भी शिवसैनिकों की तोड़फोड़ की तस्वीरें आई यहां शिंदे गुट के दिलीप लांडे के पोस्टर फाड़े गए।
पुलिस का अलर्ट
इसके बाद, पुणे पुलिस ने अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस थानों को शहर में शिवसेना नेताओं से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुंबई पुलिस ने भी हाई अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस थानों को शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे।
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