इटावा/ लखनऊ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस में जाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए। इससे इतर, यदुवंशियों के नाम संबोधित अपने पत्र के माध्यम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर शुभकामना संदेश में शिवपाल ने कहा कि जब भी कोई ‘कंस’ समाज में अपने पूज्य पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनधिकृत रूप से आधिपत्य स्थापित करता है तो धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं।
उन्होंने पत्र में गीता के उद्घोषक योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सभी यदुवंशजों के साथ-साथ संपूर्ण विश्व के गौरव हैं। राजनीतिक विश्लेषकों ने यादव के इस संदेश को चाचा-भतीजे (शिवपाल यादव और अखिलेश यादव) के बीच तनातनी से जोड़कर देखा है। हालांकि शिवपाल ने अपने पत्र में सपा का कोई जिक्र नहीं किया है, लेकिन उन्होंने इशारों में अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
शिवपाल ने इस पत्र में कहा है कि समाज में जब भी कोई 'कंस' अपने (पूज्य) पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनधिकृत रूप से अपना आधिपत्य स्थापित करता है तो धर्म की रक्षा के लिए योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं और अपने योगमाया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण का हवाला देते हुए यदुवंशियों को धर्म की रक्षा के लिए दायित्व का बोध कराया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया भी ईश्वर द्वारा रचित विराट नियति और विधान का परिणाम है।
शिवपाल के इस पत्र को समाजवादी पार्टी के उस बदलाव से देखा जा रहा है जब मुलायम सिंह यादव की जगह अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, तब विरोधियों ने अखिलेश यादव पर पिता को गद्दी से उतार कर जबरन ताज पहनने का आरोप लगाया था। इटावा में पत्रकारों ने बातचीत में जब शिवपाल सिंह यादव से कांग्रेस में जाने की अटकलों के बाबत पूछा गया तो उन्होंने इसे फर्जी खबर बताया। आगामी आम चुनाव में अखिलेश यादव को विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को अपनी कमियां दिखाई नहीं देती हैं, सपा अगर अपनी कमियों को दूर कर ले तो ये सब बातें नहीं होती, जो हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी बात करो तो हम विपक्ष को एक करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अखिलेश का नाम लिए बगैर शिवपाल ने कहा कि जब हमें ही गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गये। अब अपनी पार्टी को मजबूत करने और इसे बढ़ाने में लगे हैं और इसलिए हमने पार्टी में युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी है।'
शिवपाल, अखिलेश के चाचा और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। चाचा-भतीजा के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही अनबन शुरू हुई तो फिर दोनों के रास्ते जुदा जुदा हो गये। शिवपाल ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजा एक मंच पर आ गए। इसके बाद शिवपाल सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद ही एक बार फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश यादव की पसंद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का विरोध किया तो सपा ने भी उन्हें आजाद कर दिया।
शिवपाल से पत्रकारों ने जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग किए जाने के संदर्भ में सवाल किया तो उन्होंने दो टूक कहा कि छापा डालना और तफ्तीश करना ईडी का काम है, और जब शिकायत मिलेगी तो वह अपना करेगी ही। रही बात उसके दुरुपयोग करने की तो जब समीक्षा होगी तो सब सामने आ जाएगा।