- महाराष्ट्र में अमेरिका और पंजाब में ब्रिटेन का कोरोना स्ट्रेन मिला है
- इन दोनों राज्यों में संक्रमण के ज्यादा मामले में इन्हीं के चलते मिले हैं
- विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को विदेशी टीकों को मंगाना चाहिए
नई दिल्ली : रोजाना आ रहे कोरोना महामारी के आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश में लगातार दूसरे दिन संक्रमण का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है। बुधवार को कोरोना संक्रमण के 1,15,736 नए केस मिले जबकि इस दौरान 630 लोगों की मौत हुई। यह संक्रमण का एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। आंकड़ों में हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगले चार सप्ताह 'काफी गंभीर' होने वाले हैं।
आने वाले चार सप्ताह काफी अहम-सरकार
सरकार भी मान रही है कि आने वाले दिनों में कोविड-19 के नए मामलों में ज्यादा उछाल आएगा। लोग जिस तरह से कोरोना संक्रमण के दायरे में आ रहे हैं उसे देखने के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञ सरकार से अपनी रणनीति में बदलाव करने की मांग करने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण अभियान को और तेज और इसके दायरे में बड़ी आबादी को लाए जाने की जरूरत है।
मामलों में तेजी के पीछे कई वजह
देश में कोरोना के मामलों में इतने तेजी से के साथ क्यों बढ़ रहे हैं, इसका कोई एक कारण नहीं है। दरअसल, सितंबर-अक्टूबर के बाद देश भर में कोरोना के मामलों में गिरावट आने लगी और फरवरी तक दो-चार राज्यों को छोड़कर यह महामारी करीब-करीब सिमटने लगी थी लेकिन मार्च के महीने में संक्रमण में एक बार फिर तेजी आई जो अब थमती नहीं दिख रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोग कोरोना को लेकर असावधानी बरतने लगे हैं और लापरवाह हो गए हैं। कोरोना कहीं गया नहीं है। वह हमारे आस-पास मौजूद है। थोड़ी भी लापरवाही केस बढ़ाने का काम करेगी। सरकार भी मान रही है कि कोविड-10 प्रोटोकॉल्स के पालन में लापरवारी बरते जाने से महामारी के आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है।
सभी को अभी नहीं लगा सकते टीका-सरकार
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अभी फिलहाल उसके पास इतने टीके उपलब्ध नहीं हैं कि वह सभी को टीकाकरण अभियान में शामिल कर सके। हालांकि, 45 साल से अधिक के व्यक्तियों को टीका लगाने की घोषणा कर सरकार ने एक बड़ी आबादी को टीकाकरण के दायरे में लाने की पहल की है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे एक वजह ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में पाए गए कोरोना स्ट्रेन का देश में मिलना भी माना जा रहा है।
महाराष्ट्र में मिला अमेरिका का कोरोना स्ट्रेन
देश में रोजाना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। जिनोम सेक्वेंसिंग से पता चला है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर नए मामलों के पीछे अमेरिका का कोरोना स्ट्रेन है। जबकि पंजाब में सामने आए संक्रमण के मामलों में ब्रिटेन का स्ट्रेन मिला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ये स्ट्रेन भी संक्रमण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में विशेषज्ञ अमेरिका और ब्रिटेन के टीके आयात करने की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ये टीके अमेरिका और ब्रिटेन में पहले से काम कर रहे हैं और ये वहां प्रभावी भी हैं। ऐसे में सरकार को मॉडर्ना एवं फाइजर टीके को देश में आयात करना चाहिए। रूस का स्पूतनिक-v टीका भी प्रभावी है। सरकार इन विदेशी टीकों को आयात करेगी या नहीं, फिलहाल उसने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है।