नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के सुकमा में शनिवार को सुरक्षा बलों पर घात लगाकर किए गए नक्सल हमले का सुरक्षा बलों ने जिस हिम्मत और साहस से मुकाबला किया, उसे देश हमेशा याद रखेगा। नक्सलियों के हमलों के दौरान जवानों ने किस तरह एक-दूसरे की मदद की, वह भी एक मिसाल है। इसी क्रम में एक सिख जवान ने अपने साथी की जान बचाने के लिए जो कुछ भी किया, आज उसकी हर तरफ चर्चा है।
नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के जिस काफिले पर हमला किया था, उसमें सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (CoBRA) के बलराज सिंह भी शामिल थे। उन्होंने जैसे ही देखा कि उनके साथी सब-इंस्पेक्टर अभिषेक पांडे को गोली लगी है और उनके पैर से लगातार खून निकल रहा है, उन्होंने तुरंत अपनी पगड़ी उतारकर उसे साथी जवान के पैर पर बांध दिया, ताकि खून को बहने से रोका जा सके।
यूं बचाई साथी की जान
हालांकि कुछ ही देर बाद बलराज सिंह को भी पेट के पास गोली लगी। फिलहाल दोनों जवानों का इलाज रायपुर के अस्पताल में हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के काफिले में जो फर्स्ट-एड करने वाला शख्स था वह स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों को प्राथमिक उपचार मुहैया करा रहा था और ऐसे में उन्होंने साथी जवान के पैर से खून निकलने से रोकने के लिए अपनी पगड़ी उतारकर उसे सहकर्मी के पैर पर बांधने का फैसला किया।
छत्तीसगढ़ में सुकमा और बीजापुर जिलों के बॉर्डर पर हुए नक्सल हमले को याद करते हुए उन्होंने बताया कि गोलीबारी लगभग 5 घंटे तक चली, जिस दौरान नक्सली यूबीजीएल और मोर्टार का भी इस्तेमाल करते देखे गए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में नक्सलियों को भी अच्छा-खासा नुकसान हुआ। घात लगाकर किए गए हमलों के बावजूद सुरक्षा बलों ने बहादुरीपूर्वक उनका मुकाबला किया और उन्हें खदेड़ने में कामयाब रहे।