नई दिल्ली: नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि देश में महामारी का प्रभाव बढ़ गया है। चेतावनी दी गई थी कि स्थिति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। महामारी की स्थिति खराब हो गई है और कोविड 19 के मामलों की बढ़ने की गति पिछली बार की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कोविड 19 प्रबंधन के लिए जन भागदारी और जन आंदोलन का आह्वान किया है। हम अभी भी महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं। अगले चार सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण होंगे। लगभग हर राज्य में मामले बढ़ रहे हैं। असामान्य स्थिति उभर रही है।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, 'कोविड के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले जिन 10 जिलों में हैं, उनमें सात महाराष्ट्र के हैं, एक जिला कर्नाटक का है, एक छत्तीसगढ़ से है और इसमें दिल्ली भी है। उन्होंने बताया, 'पंजाब और छत्तीसगढ़ में मौत की संख्या अत्यधिक चिंता का कारण है। देश के सभी सक्रिय मामलों में से 58% सक्रिय मामले महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में कुल मौतों में से 34% मौतें हुई हैं।'
भूषण ने कहा, 'छत्तीसगढ़ हमारे लिए चिंता का कारण है। एक छोटा राज्य होने के बावजूद यहां से कोरोना के कुल 6% केस और 3% मौतें रिपोर्ट होती हैं। छत्तीसगढ़ की स्थिति संक्रमण की दूसरी लहर में बिगड़ गई है। पंजाब में कोविड के कारण लगभग 4.5% मौतें हो रही हैं। पंजाब की तुलना में दिल्ली और हरियाणा में सक्रिय मामले और मृत्यु दर बहुत कम है। यह संतोषजनक है कि औसत दैनिक परीक्षणों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों की हिस्सेदारी पंजाब में बढ़कर 76% हो गई है।'
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हमने राज्य सरकारों को आरटी-पीसीआर परीक्षणों का प्रतिशत बढ़ाने का सुझाव दिया है, जो पिछले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र में कम हो रहा है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में कुल परीक्षणों का केवल 60% आरटी-पीसीआर के माध्यम से किया गया था। हमारा सुझाव है कि राज्यों को इसे 70% या उससे ऊपर ले जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हमने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में 50 उच्च-स्तरीय बहु-विषयक सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया है। वे महाराष्ट्र के 30 जिलों, छत्तीसगढ़ के 11 जिलों और पंजाब के 9 जिलों में जाएंगी।