- देश के अलग अलग सूबों में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर हैं
- केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने की दी इजाजत
- प्रवासी मजदूरों के साथ साथ छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को भी मिलेगी स्पेशल ट्रेन की सुविधा
नई दिल्ली। 3 मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रहेगा या हटा लिया जाएगा या कुछ शर्तों के साथ लोगों को अपने घरौंदों में ही रहना होगा, इस विषय पर मंथन किया गया, हालांकि अभी किसी तरह का औपचारिक फैसला नहीं हुआ है। लेकिन इन सबके बीच अलग अलग राज्यों में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के बारे में बताया गया। इसके साथ ही गृहमंत्रालय की तरफ से एक बड़ा फैसला किया गया जिसका इंतजार लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को था। सरकार ने इस संबंध में स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की इजाजत दे दी है जिसका फायदा न केवल प्रवासी मजदूर बल्कि छात्र, पर्यटक और तीर्थयात्री भी उठा सकेंगे।
केंद्र सरकार की तरफ से खास इंतजाम
यहां यह जानना जरूरी है कि करीब 1200 फंसे मजदूरों के साथ तेलंगाना से रांची के लिए एक स्पेशल ट्रेन को रवाना किया गया है इसके साथ साथ केरल से भुवनेश्वर के लिए भी एक ट्रेन रवाना की जाने वाली है। सरकार के इस फैसले के बाद मजदूरों में खुशी की लहर है। हालांकि जो मजदूर अपने राज्यों में जाएंगे उन्हें तत्काल घर तर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। पहले उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।
गृहमंत्रालय की गाइडलाइन और अलग अलग राज्य सरकारों की मांग पर 1 मई को कुल 6 ट्रेनें चलाई जाएंगी।
- लिंगमपल्ली(तेलंगाना) से हटिया(झारखंड)
- अलुवा (केरल) से भुवनेश्वर
- नासिक से लखनऊ
- नासिक से भोपाल
- जयपुर से पटना
- कोटा से हटिया(झारखंड) यह स्पेशल ट्रेन कोटा में फंसे छात्रों के लिए
इन लोगों को मिलेगी यात्रा की अनुमतिरेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि स्पेशल ट्रेन का फायदा वही लोग उठा सकेंगे जिनमें खांसी, सर्दी या बुखार के लक्षण नहीं होंगे। जिन राज्यों से मजदूरों को भेजा जाएगा उनके ऊपर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की होगी ताकि रेलवे स्टेशन पर भीड़ इकट्ठी न हो। जब यात्री अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे तो उसी प्रक्रिया को फिर दोहराया जाएगा। यात्रियों की स्क्रीनिंग, क्वारंटीन संबंधी व्यवस्था राज्य सरकारें करेंगी।
कई राज्यों ने स्पेशल ट्रेन की मांग की थी
स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की इजाजत कई राज्य सरकारों की तरफ से की गई थी। क्योंकि हर किसी का तर्क यही था कि जितनी बड़ी संख्या में मजदूर फंसे हुए हैं उन्हें एक साथ बसों के जरिए लाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में स्पेशल ट्रेनें ही सहारा है। राज्य सरकारें स्पेशल ट्रेनों की मांग कर रही थी। केंद्र सरकार ने रेल मंत्रालय से सलाह मशविरा के बाद ऐहतियात के साथ स्पेशल ट्रेन चलाने पर हरी झंडी दिखा दी।