Farmers Movement on Farm Law: कृषि से जुड़ी मांगों को लेकर किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) के अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं एसकेएम (SKM) की बॉर्डर पर हुई बैठक के दौरान सरकार द्वारा प्राप्त हुए प्रस्ताव पर किसानों ने कुछ ऐतराज दर्ज कराया है, जिसपर सरकार से बुधवार तक स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।दरअसल सरकार द्वारा किसान संगठनों को जवाब दिया गया है उसपर अधिकतर किसानों की मांगों को मान लिया गया है। वहीं किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया और कुछ किसानों ने इसपर ऐतराज जताया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा कि उसने आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है, जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संगठन ने कहा कि उसने किसानों पर दर्ज 'फर्जी' मामले वापस लेने के लिये आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है।
सरकार MSP की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी
किसान नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे पर बुधवार अपराह्न दो बजे एक और बैठक करेंगे। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा, उस पर चर्चा हुई और संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने पेश किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। राजेवाल ने कहा, 'हमें इस पर आपत्ति थी…। हमें एमएसपी पर ऐसी समितियां नहीं चाहिए जो शुरू से ही हमारी मांग के विरोध में हैं। हमने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है।' उन्होंने कहा, 'हम सरकार की उस शर्त के भी खिलाफ हैं, जिसमें कहा गया कि किसानों पर दर्ज फर्जी मामलों को वापस लेने के लिए किसान आंदोलन समाप्त करना होगा।'
किसान नेता राकेश टिकैत बोले-'किसान आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है'
बुधवार की बैठक को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि सयुक्त किसान मोर्चा से बैठक में विस्तार से चर्चा होगी उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है, टिकैत का कहना है कि सरकार को स्पष्ट कर देना चाहिए कि इस कमेटी में वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के अलावा कौन-कौन से किसान या संगठन शामिल हैं। उधर सयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण आने के बाद किसान आंदोलन को समाप्त करने का फैसला आ सकता है।
आंदोलन के भविष्य को लेकर किसान संगठनों में आम सहमति!
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन आंदोलन के भविष्य को लेकर आम सहमति पर पहुंच गए हैं क्योंकि उनकी लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है, लेकिन निर्णय की औपचारिक घोषणा बुधवार को की जाएगी।प्रदर्शन में शामिल 40 से ज्यादा किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक के बाद संधू ने कहा, 'हमारे द्वारा उठाई गई लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है....पत्र (सरकार से किसानों की मांगों पर आश्वासन के साथ) मिल गया है। आम सहमति बन गई है, कल अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी।'
एक अन्य किसान नेता और एसकेएम के सदस्य ने कहा कि बुधवार को आंदोलन समाप्त होने की संभावना है क्योंकि किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कुछ सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। हालांकि, बुधवार को एसकेएम की एक और बैठक के बाद अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे एसकेएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजन को मुआवजा, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की लंबित मांगों पर सरकार के साथ बातचीत करने के लिए शनिवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था।