- पीएम मोदी ने सोशल मीडिया छोड़ने के दिए संकेत
- राहुल गांधी ने कसा तंज, सोशल मीडिया नहीं नफरत छोड़िए
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एसपी सांसद अखिलेश यादव ने दी सलाह
नई दिल्ली। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आने वाले रविवार को वो सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर को छोड़ने की सोच रहे हैं। लेकिन आप सभी को पोस्ट करते रहेंगे। उनके इस ट्वीट के बाद हजारों की संख्या में ट्वीट आए कि नो सर ऐसा मत करिए। इसके साथ ही राजनीतिक हल्कों से भी आवाज आई जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि नफरत को छोड़िए सोशल मीडिया को नहीं। अब राहुल गांधी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया तो कर्नाटक बीजेपी ने उन्हें याद दिला दिया कि यह देश राजीव फिरोज गांधी का नहीं है मोदी की सत्ता है। इन सबके बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर क्या कुछ कहते हैं कि उसे समझना जरूरी है।
शशि थरूर की चिंता कुछ और
शशि थरूर अपने ट्वीट में कहते हैं कि पीएम ने जिस तरह से सोशल मीडिया को छोड़ने की बात कही है। उससे कई तरह की शंकाओं को बल मिला है मसलन क्या इन सेवाओं को देशभर में बंद कर दिया जाएगा। पीएम मोदी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अच्छी और सकारत्मक चीजों के लिए किया जा सकता है। इसमें ऐसा नहीं है कि सिर्फ नफरत की बातों का ही प्रचार प्रसार होता है।
अखिलेश यादव ने दी सलाह भरी नसीहत
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या कुछ पीएम के ट्वीट पर कहते हैं उसे भी समझना जरूरी है। सामाजिक संवाद के रास्ते बंद करने की सोचना अच्छी नहीं है बात... छोड़ने के लिए और भी बहुत कुछ सार्थक है साहब... जैसे सत्ता का मोह-लगाव, विद्वेष की राजनीति का ख़्याल, मन-मर्ज़ी की बात, चुनिंदा मीडिया से करवाना मनचाहे सवाल और विश्व विहार... कृपया इन विचारणीय बिंदुओं पर भी करें विचार!
क्या पीएम मोदी पहले ही दे चुके थे हिंट
सवाल यह है कि पीएम मोदी के इस ट्ववीट के माएने क्या हैं। इसका जवाब कुछ ऐसे समझा जा सकता है। लगभग 5 महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर चिंता भी चाहिर की थी। सितंबर 2019 में पीएम मोदी करते हैं कि सोशल मीडिया ने सशक्तिकरण के लिए बहुत ताकत दी है। किसी भी खबर को कोई भी शख्स पहुंचा सकता है। लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया को वो एक बहुत बड़े औजार के तौर पर देखते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से संगठित रूप से नकारात्मक चीजों को फैलाने का प्रयास किया जाता है।
पांच साल पहले पीएम मोदी कुछ ऐसे सोचते थे
पांच वर्ष पहले साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी सैन फ्रांसिस्को में फेसबुक के मुख्यालत पहुंचे। वहां टाउन हाल नाम के कार्यक्रम में कहा था फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के कई सवालों का जवाब दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि सोशल मीडिया लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी ताकत बन गया है। इसके जरिए जनता और सरकार के बीच की दूरी को पाटने में मदद मिली है निश्चित तौर पर इस माध्यम से सरकारी एजेंसियां भी संवेदनशील हुई है। पहले सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए सिर्फ सरकारी एजेंसियां ही माध्यम होती थीं। लेकिन बदलते समय में यह माध्यम हथियार का काम कर रही है।