- कोरोनी की तीसरी लहर में वयस्कों की तुलना में बच्चों पर खतरा कम, डब्ल्यूएचओ और एम्स की खास स्टडी
- तीसरी लहर की आशंका के बीच पीएम नरेंद्र मोदी करने वाले हैं खास बैठक
- देश में इस समय 55 करोड़ से अधिक सिंगल और डबल डोज दिए जा चुके हैं।
कोरोना की दूसरी लहर का ज्वार अब थम रहा है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। एनडीएमआई ने एक रिपोर्ट दी है जिसके मुताबिक अक्टूबर में तीसरी लहर के पीक पर होने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि सितंबर के मध्य से कोरोना के केस में तेजी से इजाफा होगा। इस तरह की जानकारी और आशंका के बीच पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को तैयारियों की समीक्षा पर बैठक करने वाले हैं।
आईआईटी प्रोफेसर का खास अध्ययन
आईआईटी कानपुर के एक प्रोफेसर ने अपने मैथेमेडिकल मॉडल के जरिए बताया है कि अगर कोई न्यू वैरिएंट ने दस्तक दी तो हालात ज्यादा खराब होंगे। लेकिन अगर कोई न्यू वैरिएंट नहीं होगा तो तीसरी लहर की मार दूसरी लहर से कम होगी, हालांकि 1.5 लाख केस आ सकते हैं और इसके आसपास का आंकड़ा ही पीक होगा।
- पीएम नरेंद्र मोदी हालात की करेंगे समीक्षा और तैयारियों का लेंगे जायजा
- स्वास्थ्य और नीति आयोग के अधिकारी होंगे शामिल
- अक्टूबर में तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने की आशंका
- एनडीएमआई ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जाहिर की
55 करोड़ से अधिक दिए जा चुके हैं डोज
इस समय देश में कोरोना वैक्सीनेशन के 55 करोड़ से अधिक सिंगल या डबल डोज दिए जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का देश में टीके की समस्या नहीं है। सरकार की अपील है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन सेंटर की तरफ रुख करें ताकि पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
आखिर क्यों मीटिंग है अहम
जानकार कहते हैं कि वैसे तो पीएम नरेंद्र मोदी समय समय पर मीटिंग लेते रहते हैं। लेकिन जिस तरह से कोरोनी की तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है उसके मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है। अच्छी बाच यह है कि इस बीच जायडस कैडला की जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है। कोरोना की दूसरी लहर को देखें तो जिस तरह से कई तरह की खामियां दिखाई पड़ीं उसके बाद केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर थी, लिहाजा अब उस तरह के हालात ना पैदा हों उसके लिए कमर कसने की तैयारी चल रही है।