नई दिल्ली। सीएम ममता बनर्जी को शुक्रवार को एसएसकेएम अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। ममता बनर्जी पर चार से पांच लोगों ने हमला किया था या वो महज हादसा था। इस संबंध में टीएमसी के नेताओं ने गहरी साजिश का आरोप लगाया था। यह बात अलग है कि सीएम ममता बनर्जी ने बाद में किसी तरह के हमले का जिक्र नहीं किया। अब इस संबंध में चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है और उस रिपोर्ट में हमले की संभावना से इंकार किया गया है।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर आयोग नाराज
चुनाव आयोग को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 10 मार्च को नंदीग्राम में हुए कथित हमले को लेकर बंगाल सरकार की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। हालांकि आयोग ने इसे अधूरी करार देते हुए मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय से और विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मुख्य सचिव को शनिवार तक इस तरह का विवरण देने को कहा गया है कि यह घटना किस प्रकार हुई और इसके पीछे कौन हो सकता है?अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट अधूरी प्रतीत होती है और इसमें घटना के बारे में विस्तृत विवरण नहीं है, जैसे घटना किस तरह हुई और इसके पीछे कौन हो सकता है? हमने राज्य प्रशासन से और विवरण तलब किया हैउन्होंने कहा कि शुक्रवार की शाम को प्राप्त हुई इस रिपोर्ट में मौके पर भारी भीड़ होने का जिक्र किया गया है लेकिन ‘‘उन चार-पांच लोगों का’’ कोई उल्लेख नहीं है, जिन पर ममता बनर्जी ने हमले का आरोप लगाया है।रिपोर्ट में कहा गया कि नंदीग्राम में बुधवार की शाम को तृणमूल कांग्रेस नेता पर हुए कथित हमले का स्पष्ट वीडियो फुटेज नहीं है।
नंदीग्राम में ममता बनर्जी के पैर में लगी थी चोट
बुधवार की शाम को हुई इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की और राज्य के लिए दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी।गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अलग-अलग क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं।