अमेरिका में हो रहे चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस (Kamala Harris) की जीत के लिए भारत में भी दुआयें की जा रही है और तमिलनाडु के गांव थुलासेन्द्रपुरम में उनके लिए विशेष पूजा का आयोजन किया गया।चेन्नई से क़रीब 350 किलोमीटर दूर इस गांव में हैरिस के नाना पीवी गोपालन रहते थे, लेकिन अब गोपालन का परिवार चेन्नई में रहता है।
'बीबीसी' की खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि कमला हैरिस की जीत के लिए मंगलवार की सुबह धर्मासास्था भगवान के दुग्ध अभिषेकम का कार्यक्रम किया गया, इसके अलावा उत्साहित ग्रामीणों ने बैनर और फ्लेक्स बोर्ड भी लगाए, जिसपर हैरिस के लिए शुभकामनाएं लिखी हुईं थीं।
कमला हैरिस के नाना पी.वी. गोपालन धर्मासास्था भगवान की पूजा करते थे, ये उनके कुल देवता हैं, मंदिर के ट्रस्टी एस.वी.रमनन ने बीबीसी को बताया कि कमला हैरिस जब पाँच साल की थीं तब वो इस मंदिर में आईं थीं उनके मुताबिक़ कमला की मामी सरला गोपालन हर साल कुछ हजार रुपये मंदिर को दान करती हैं।
कमला हैरिस का ननिहाल तमिलनाडु में पड़ता है
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस का ननिहाल तमिलनाडु में पड़ता है, उनकी मां श्यामला गोपालन राज्य के थिरुवरुर स्थित थुलासेंद्रपुरम गांव की रहने वाली थीं, अब कमला हैरिस की जीत को लेकर गांव वाले बेहद उत्साहित हैं इसी क्रम में गांव में एक विशेष पूजा का आयोजन किया गया जिसमें ग्रामीणों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।
गांव में भगवान शिव के एक रूप अयनार देवता का मंदिर है, मंगलवार को इस गांव में लोगों ने मंदिर के पास इकट्ठा होकर विशेष पूजा का आयोजन किया गया। गांव के लोगों के मुताबिक- 'ये मंदिर कमला के परिवार का भी पैतृक मंदिर है, हाल ही में सभी गांव वालों ने फैसला किया कि हम उनकी जीत की कामना के लिए विशेष पूजा का आयोजन करेंगे इसलिए मंगलवार को हमने पूजा और अभिषेक किया, हम सभी चाहते हैं कि कमला चुनाव जीतें।'
'मां ने विरासत पर गर्व करना सिखाया'
कमला हैरिस की मां का 2009 में कैंसर से निधन हो गया था।अगस्त में उन्होंने कहा था, 'मेरी मां ने मेरी बहन माया ने मुझे उन मूल्यों के लिए प्रेरित किया जो हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं। उन्होंने हमें गर्वीली अश्वेत महिला के तौर पर बढ़ने में मदद की और उन्होंने हमें अपनी भारतीय विरासत के बारे में जानने और उस पर गर्व करना सिखाया।' हैरिस ने इस दौरान तमिल में कहा, 'मेरे चाचा, मेरे चाचियों- मेरी चिठ्ठियां।' उन्होंने उम्मीदवारी स्वीकार करते हुए अपने भाषण में उन अश्वेत महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की थी जो उनसे पहले आईं और जिन्होंने देश के लिए लड़ने का प्रण किया था। हैरिस ने कहा, 'चलिए दृढ़ विश्वास के साथ लड़ें, उम्मीद के साथ लड़ें, अपने ऊपर भरोसा रखते हुए और एक दूसरे के लिए प्रतिबद्धता के साथ लड़ें।'