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इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बनी थी SPG,जानें क्या है ब्लू बुक जिससे प्रधानमंत्री रहते हैं महफूज

Updated Jan 06, 2022 | 12:57 IST

PM Security Breach: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मामला, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। हाल फिलहाल इस तरह की सुरक्षा चूक नहीं देखी गई थी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी के जिम्मे होती है।
मुख्य बातें
  • साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड ने हत्या कर दी थी।
  • बीरबल नाथ कमेटी की सिफारिश पर SPG का गठन किया गया ।
  • ब्लू बुक गाइडलाइन के अनुसार प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी की सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं।

नई दिल्ली: पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। वहीं पंजाब सरकार भी पूरे मामले की जांच कर रही है। असल में प्रधानमंत्री जिस तरह से पाकिस्तान सीमा के पास 15-20 मिनट तक फंसे रहे, उससे यह मामला और गंभीर बन गया है। क्योंकि इस तरह की चूक बहुत भारी भी पड़ सकती थी। 

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी तरह की कोई चूक न हो, इसलिए ही स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन किया गया था। और उसके पास प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर विशेष अधिकार भी होते हैं। यही नहीं किसी भी यात्रा के समय क्या प्रोटोकॉल पालन करना चहिए इसके लिए एक ब्लू बुक बनाई गई है। जिसके जरिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अभेद्य बनाया जाता है।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बनी थी SPG

स्पेशल टॉस्क फोर्स (SPG) का गठन साल 1985 में हुए केंद्र सरकार द्वारा किया गया था। यह कदम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में उनके बॉडी गॉर्ड्स द्वारा हत्या करने के बाद उठाया गया था। जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के करीबी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करना है।

इसके पहले 1981 से 1984 तक प्रधानमंत्री की सुरक्षा तीन साल तक आईबी और एसटीएफ के पास रही थी। और उसके पहले यानी साल 1981 तक, प्रधानमंत्री के आवास पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के पास थी। लेकिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बीरबल नाथ कमेटी ने एसपीजी बनाने का प्रस्ताव दिया और फिर उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के बाद 1985 में उसका गठन हुआ।

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SPG प्रमुख का पद तीन साल के निश्चित कार्यकाल के लिए बनाया गया है। SPG कैबिनेट सचिवालय के तहत काम करती है।  इसका मुख्यालय पीएम हाउस में ही होता है। वर्तमान में अरूण कुमार सिन्हा एसपीजी के निदेशक हैं।

प्रधानमंत्री की यात्रा के समय कैसे होती है सुरक्षा

पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर गृह मंत्रालय ने पंजाब पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि पंजाब पुलिस ने ब्लू बुक नियमों का पालन नहीं किया। ऐसे में सवाल उठता है कि ब्लू बुक क्या है ? ब्लू बुक एक तरह से सुरक्षा गाइडलाइन होती है, जिसमें किसी वीवीआईपी की सुरक्षा को लेकर लागू किए जाने वाले नियमों की जानकारी लिखी होती है।

ब्लू बुक के अनुसार जब कोई वीवीआईपी मूवमेंट होता है तो उसका 7 आधार पर प्लान तैयार किया जाता है। जिसमें प्रधानमंत्री के कैंप में रुकने, सड़क यात्रा, हवाई यात्रा, ट्रेन यात्रा, स्टीमर से यात्रा, सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थिति, और सुरक्षा अधिकारियों के बीच समन्वय को देखते हुए, सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं।

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इस तरह हुई चूक

जिस तरह से पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई, उससे साफ  है कि सुरक्षा के दौरान प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया। पूर्व डीजी और सीबीआई के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर एन.के.सिंह भी यह बात स्वीकारते हैं। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से कहा कि जब प्रधानमंत्री का कोई कार्यक्रम होता है, तो 10 दिन पहले स्थानीय प्रशासन  को कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। और तभी से सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने शुरू कर दिए जाते हैं। इसके अलावा हर यात्रा पर इमरजेंसी रूट का भी प्लान तैयार रहता है। जिससे किसी आपात स्थिति में स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। मुझे लगता है कि इस दौरे पर भी इस तरह का प्लान बना होगा। लेकिन उसका पालन हुआ  कि नहीं, ये स्थिति पूरी डिटेल्स आने के बाद ही स्पष्ट होगी।

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