नई दिल्ली: टाइम्स नाउ समिट इंडिया एक्शन प्लान 2020 के दूसरे दिन आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने हिस्सा लिया। यहां उन्होंने 'अनेकता में एकता- एक नई शुरुआत' विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता भारत की संस्कृति है। हमें सही रवैये वाले लोगों की जरूरत है। लोगों और सरकार के बीच कम्यूनिकेशन में जो भी अंतर है, उसे संबोधित किया जाना चाहिए।
श्री श्री ने कहा कि संघर्षों को हल करने के लिए मध्यस्थता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यहां तक कि अदालतें कई मामलों में मध्यस्थता का सुझाव देती हैं। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के एक भी व्यक्ति ने अयोध्या के फैसले पर आपत्ति नहीं जताई। भारत में हर किसी ने अयोध्या फैसले का स्वागत किया।
आध्यात्मिक गुरु ने कहा, 'अयोध्या के फैसले से पहले दोनों समुदायों के बीच अनिश्चितता की भावना थी। फैसले के बाद हर किसी ने इसका स्वागत किया। मुझे नहीं लगता कि अयोध्या संघर्ष फिर से उठेगा।'
सुप्रीम कोर्ट से पहले अयोध्या को लेकर हुई मध्यस्थता पर श्री श्री ने कहा कि देशभर के 1200 मुस्लिम नेताओं से बात की गई थी और किसी ने भी अयोध्या में राम मंदिर पर आपत्ति नहीं जताई। बड़े मामलों में ध्यान एक बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या को लेकर मध्यस्थता लगभग नतीजे पर पहुंच चुकी थी।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर श्री श्री ने कहा, 'हर चीज में असंतोष की आवाज होती है और यही इस देश की खूबसूरती है। नेताओं को लोगों में विश्वास बहाल करना चाहिए। भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक या धार्मिक बहुसंख्यक जैसा कुछ भी नहीं है। बहुसंख्यक से मेरा कभी भी मतलब बहुसंख्यकवाद नहीं था। मेरा मतलब अधिकतम लोगों के लिए अधिकतम अच्छा से था।'
CAA को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि सीएए में श्रीलंका को भी शामिल किया जाना चाहिए। मैंने सीएए में श्रीलंकाई तमिलों को शामिल करने को कहा था। मुझे लगता है कि सरकार और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच कम्यूनिकेशन गैप है। उन्हें सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए। सीएए एक सामान्य बात है जो हर देश में होती है। इसमें कोई नई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत को अप्रवासियों का स्वागत करना चाहिए। हमें सताए हुए अल्पसंख्यकों को आश्रय देना चाहिए। लोगों के मन में भय है। सरकार को लोगों में विश्वास बहाल करना चाहिए। हमें शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से संवाद करना होगा और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक भारतीय सुरक्षित है। भारत ने हमेशा शरणार्थियों का स्वागत किया है।
श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'अनुच्छेद 370, तीन तालक और अयोध्या जैसे मामलों पर निर्णय की आवश्यकता थी। आर्टिकल 370 को हटाया आवश्यक था। इसे निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमीन की कीमत लगभग तीन गुना हो गई है। जो 5 लाख था, अब 15 लाख है। सरकार सबको साथ लेकर, सबको बताकर चलेगी तो अच्छा होगा।
श्री श्री ने बेरोजगारी को भारत के प्रमुख मुद्दों में से एक बताया। उन्होंने कहा, 'भारत में बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है। भारत में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। मुझे लगता है कि व्यापक विरोध के पीछे ये भी एक कारण है। साउथ कोरिया जैसे छोटे देश में 96% कुशल जनसंख्या है जबकि भारत में यह 4% है। हमें इन मुद्दों पर और काम करने की जरूरत है। यहां तक कि पोस्ट ग्रेजएट छात्र भी बेरोजगार घूम रहे हैं।