- सुशांत सिंह की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
- सीबीआई को जांच करने की इजाजत दी, रिया की अर्जी खारिज
- कोर्ट ने कहा कि केस दर्ज कर बिहार पुलिस ने सही काम किया
नई दिल्ली : सुशांत सिंह मौत मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के अपने फैसले में सप्रीम कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां की हैं। शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि रिया चक्रवर्ती के लिए यह चाहा गया फैसला होगा क्योंकि उन्होंने अपनी अर्जी में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। बता दें कि कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी। साथ ही मुंबई पुलिस को मामले के सभी साक्ष्यों एवं दस्तावेजों को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने और उसका सहयोग करना का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महाराष्ट्र सरकार के लिए एक झटका है क्योंकि उद्धव सरकार इस केस को सीबीआई को सौंपने का विरोध कर रही थी।
'रिया चक्रवर्ती को मनाचाहा न्याय मिलेगा'
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'इस मामले की परिस्थितियों एवं तथ्यों को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि इस केस की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से रिया चक्रवर्ती को मनचाहा न्याय मिलेगा क्योंकि उन्होंने सुशांत मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। कोर्ट ने यह भी पाया है कि दो राज्यों ने एक दूसरे के खिलाफ राजनीतिक दखलंदाजी के आरोप लगाए हैं, ऐसे में इस केस को सीबीआई को सौंपा जाना न्याय के हित में होगा।'
सीबीआई के समक्ष पेश होगी रिया
शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया है। ऐसे में रिया चक्रवर्ती जांच एजेंसी के सामने पेश होगी। रिया पहले भी पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हो चुकी है। रिया का कहना है कि इस केस की जांच चाहे जो भी एजेंसी करे सच्चाई एक ही रहने वाली है।'
कानूनी तौर पर सही है सीबीआई की जांच
कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी करे और जिस पर दोनों राज्यों में से किसी भी सरकार का नियंत्रण न हो। सबसे अहम यह है कि जांच की विश्वसनीयता और जांच करने वाली संस्था की विश्वसनीयता सुरक्षित रहे। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच कानूनी तौर पर सही है और इस जांच के दौरान यदि और कोई नई एफआईआर दर्ज की जाती है तो उसकी जांच भी यही जांच एजेंसी करेगी। इसके लिए उसे राज्य सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रतिभावान अभिनेता थे सुशांत सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'सुशांत सिंह राजपूत एक प्रतिभावान अभिनेता थे और यह प्रतिभा पूर्ण रूप से सामने आने से पहले उनकी मौत हो गई। लोग इस जांच की सच्चाई सामने आती देखना चाहते हैं ताकि अटकलों पर विराम लग सके। इसलिए एक निष्पक्ष, सक्षम एवं पारदर्शी जांच की जरूरत है।' वहीं, सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा, 'सुशांत सिंह रापजूत के परिवार के लिए यह एक बड़ा दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र पुलिस बहुत ही सीमित दायरे में जांच कर रही थी।'
बिहार पुलिस ने गैर-कानूनी काम नहीं किया
कोर्ट ने कहा पटना पुलिस ने मामले की एफआईआर दर्ज करके कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है। शिकायतकर्ता द्वारा जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं वो विश्वासघात और गबन से जुड़े हैं ऐसे में बिहार पुलिस ने जो कार्रवाई की वो सही है। जांच के दौरान उनके लिए मुंबई पुलिस के पास मामले को स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं थी। बिहार सरकार के पास मामले की सीबीआई जांच की सहमति देने के पूरे अधिकार थे। ऐसे में सीबीआई द्वारा इस मामले की जांच कानूनन सही है।
मुंबई पुलिस में दर्ज नहीं है एफआईआर
जबकि पटना पुलिस मामले की जांच करने के लिए सक्षम थी ऐसे में जो एफआईआर दर्ज की गई थी उसमें ये बताया गया था कि कथित घटनाएं और लेनदेन महाराष्ट्र सरकार के कार्यक्षत्र के अंदर हुई हैं। मुंबई पुलिस शिकायतकर्ता के पुत्र की अप्राकृतिक मौत की सीआरपीसी की धारा 174 के अंतर्गत जांच कर रही है। अभी तक जांच के दौरान मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।