- महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है गणेशोत्सव
- कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भव्यता में कमी करने के निर्देश
- मुंबई, पुणे सहित महाराष्ट्र के गणेश मंडलों के लिए गाइडलाइन जारी हुई
नई दिल्ली : महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों में गणेशोत्सव की तैयारी शनिवार से शुरू हो जाएगी लेकिन इस त्योहार पर कोरोना महामारी का संकट बना हुआ है। कोविड-19 संकट की वजह से इस बार यह त्योहार अपनी भव्यता में नजर नहीं आएगा। सरकार की तरफ से इस बार गणेशोत्सव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के साथ-साथ गणेशोत्सव समारोह को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। महाराष्ट्र सहित दिल्ली, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना ने महामारी को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए हैं।
महाराष्ट्र में हर साल गणेशोत्सव धूमधाम एवं भव्यता के साथ मनाया जाता रहा है लेकिन इस बार कोरोना के संकट एवं खतरे को देखते हुए राज्य में इस त्योहार को छोटे स्तर पर मनाने की तैयारी की गई है। बीएमसी ने शहर भर के गणेश मंडलों से ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू किया है। बीएमसी ने गणेशमंडलों से हलफनाम देने के लिए कहा है। हलफनामे में उनसे इस बात की घोषणा करना अनिवार्य किया गया है कि उन्होंने अपने इलाकों में कोविड-19 महामारी रोकने के लिए आवश्वक एवं एहतियाती उपाय किए हैं।
मुंबई
- बृ्ह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने गुरुवार को कहा कि गणेश मूर्ति को स्थापित एवं उसके विसर्जन से जुड़े कार्यक्रम में केवल पांच लोग शरीक होंगे।
- कार्यक्रम में शरीक होते समय लोग मास्क, शील्ड, सैनिटाइजर एवं सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करें।
- इस दौरान कोई बड़ा जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी।
- घर में स्थापित होने वाली गणेश की प्रतिमा इको-फ्रेंडली सामग्री से बनी होनी चाहिए और इसकी ऊंचाई दो फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- बीएमसी ने इस बार लोगों से धातुओं से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करने की अपील की है ताकि इनके विसर्जन की जरूरत न पड़े।
- बीएमसी का कहना है कि उसकी गाइडलाइन एवं दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुणे
- पुणे पुलिस ने नजदीकी बाजारों में प्रतिमाओं की बिक्री पर रोक लगाई है।
- मू्र्तियों की खरीदारी ऑनलाइन की जाएगी।
- चुनिंदा जगहों पर ही मूर्तियों को बेचा जा सकता है। सड़क के किनारें मूर्तियां बेचने की दुकानें नहीं लगेंगी।
- आरती के समय में किसी भी जगह पांच से ज्यादा लोग नहीं जुटेंगे।
- मंडल पंडाल का प्रबंधन करने वाले लोग एसओपी का पालन कराएंगे।
- पंडाल का दर्शन करने वाले भक्तों को पहले ऑनलाइन आवेदन के जरिए टोकन प्राप्त करना होगा।
- पंडाल में बहुत ज्यादा सजावट की इजाजत नहीं होगी। मंडलों से रक्तदान कैंप लगाने की अपील।
मुंबई, पुणे के अलावा गाइडलाइन
- सभी मंगल पंडाल एवं समारोह के लिए इजाजत संबंधित विभाग एवं निगम से लेंगे।
- गणपित पंडाल में मूर्ति की ऊंचाई चार फीट की होगी।
- प्रतिदिन की गणेश आरती और पूजा में ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे।
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गणेश मूर्ति को लाए जाने एवं विसर्जन के समय कोई जुलूस नहीं निकलेगा।
दिल्ली - दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने बड़ी आयोजनों एवं ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक लगाई है।
- राजधानी में कहीं भी सार्वजनिक जगहों पर मूर्ति का सामूदायिक उत्सव एवं विसर्जन नहीं होगा।
- डीडीएमए ने सार्वजनिक जगहों पर किसी भी विग्रह, मूर्ति की स्थापना पर रोक लगाई है।
- नियमों का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
- यमुना नदी तक कोई भी जुलूस नहीं निकलेगा। पुलिस की रडार पर होंगे असमाजिक तत्व।