जन जन की आस्था की प्रतीक भगवान राम की अयोध्या...जी हां ये पावन नगरी ने इस बार जो दिवाली का पावन पर्व मनाया है वो कई मायनों में यादगार ही हो गया है, हो भी क्यों ना अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर बनने का मार्ग जो प्रशस्त हुआ है और सालों के इंतजार के बाद यहां सही मायने में दिवाली की रौनक दिखाई दी है अयोध्या का कोना-कोना इस पावन पर्व पर प्रकाशित हो उठा। अस्थाई मंदिर जहां भगवान राम माता सीता और भाइयों के साथ विराजमान है वो भी आलोकित हुआ तो सरयू के घाट का नजारा तो जीवन में कभी ना भूलने वाला दृश्य हो गया।
भगवान राम का अस्थाई मंदिर जहां भगवान राम विराजमान हैं वहां पर अयोध्या में भगवान हनुमान जी का स्थान हनुमान गढ़ी, राम पैड़ी हो या सरयू के घाट चारों ओर बस राम के नाम का प्रकाश फैला था सब ओर बस राम ही राम थे उनका प्रकाश था, बहुत ही अलौकिक दृश्य था।
अयोध्या में पिछले तीन साल से दीपोत्सव का कार्यक्रम हो रहा है। लेकिन इस बार का दीपोत्सव इसलिए भी खास रहा कि जिस परिसर में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है अब वहां भी दीए जलाए गए।
करीब 492 साल के विवाद का अंत पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के जरिए हुआ और राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक भव्य कार्यक्रम में राममंदिर की आधारशिला रखी।
दीपोत्सव 2020 के लिए पूरी अवधपुरी को सजाया गया था। अयोध्या की छोटी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, सभी सरकारी, धार्मिक भवनों को पर तो आकर्षक लाइटिंग की ही गई थी, नगरवासियों ने भी अपने घरों को सजाया-संवारा था, पिछले तीन साल से अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम किया जा रहा है।
इस दीपोत्सव ने नया कीर्तिमान रचा और एक बार फिर इस प्राचीन नगरी का नाम वैश्विक रिकॉर्ड में शामिल हो गया।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस 'भव्य दीपोत्सव' को देखा-परखा और अंततः एक साथ एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में दीप प्रज्ज्वलन को नवीन विश्व कीर्तिमान घोषित किया।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए जिसे देखते हुए सरकार ने वर्चुअल दीपोत्सव की वेबसाइट भी लॉन्च की थी, जिस पर कोई भी वर्चुअल तरीके से दीप प्रज्ज्वलित कर उसे रामनगरी में समर्पित कर सकता है।
यह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के बाद यहां पहला दीपोत्सव है, अयोध्या में दीपावली के अवसर पर भव्य 'दीपोत्सव' का आयोजन किया गया इस दौरान अवधपुरी कुल 6,06,569 दीयों से जगमगा उठी।
जिस किसी ने भी रामनगरी का यह रूप देखा, मंत्रमुग्ध हो गया। श्रद्धालु हो या सैलानी सब अपलक अयोध्या को निहार रहे थे। संपूर्ण दीपोत्सव के दौरान पूरा वातावरण राममय रहा। अवधपुरी में एक ही समय प्रज्ज्वलित 6 लाख से अधिक दीयों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नया कीर्तिमान बनाया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के बाद यहां पहला दीपोत्सव मनाया गया, जब सरयू तट लाखों दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। इस दौरान अवधपुरी में आस्था, आह्लाद और आत्मीयता के दीप जले। इसे अद्भुत, अलौकिक, अनिर्वचनीय...कल्पनातीत सौंदर्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने से उपजे सहज आह्लाद के साथ आत्मीयता के भावों को संजोए हुए दीपों को देख श्रद्धालुओं का हर्ष और उल्लास देखते ही बन रहा था। वे सहज भाव से 'राम राम जय राजा राम', 'जय सिया राम', 'राजा रामचन्द्र की जय' के जयघोष लगाते रहे।