- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे
- 8 लोगों की हत्या से संबंधित मामले में किसे आरोपी बनाया गया है?
- क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं?
लखीमपुर हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से नाराजगी जतायी, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यूपी सरकार को कानून के हिसाब से कार्रवाई करनी चाहिए थी। कोर्ट ने ये भी कहा कि ये 8 लोगों की नृशंस हत्या का मामला है, कोर्ट ने यूपी डीजीपी को निर्देश दिया कि इस घटना से जुड़े सभी सबूतों को सुरक्षित रखा जाए, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच आज लखमीपुर मामले की सुनवाई कर रही थी।
जांच रिपोर्ट से सन्तुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कहा कि इस मामले में गंभीर आरोप लगे है, जिस तरीके से आप हत्या के दूसरे आरोपियों को ट्रीट करते है वैसे ही इस मामले में भी किया जाए. कोर्ट की ये टिप्पणी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के संदर्भ में जो अभी तक जांच के लिए पेश तक नहीं हुए हैं। यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को जानकारी दी आशीष मिश्रा को शनिवार सुबह 11 बजे तक पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस दिया गया है।
गुरुवार को पहले दिन हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर मामले में हुई अब तक की कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।स्टेटस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुआ कहा कि अगली सुनवाई तक जांच अधिकारी हाथ पर हाथ धरकर न बैठे रहें।
सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या इस घटना को लेकर राज्य सरकार की तरफ से CBI जांच की कोई सिफारिश की गई है? जवाब में यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने बताया कि CBI जांच की सिफारिश नहीं की गई है। इसके आगे कोर्ट ने कहा सीबीआई इस मसले का हल नहीं है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना की जांच कर रहे स्थानीय अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि उनके व्यवहार से नहीं लगता कि वो ठीक से जांच कर पाएंगे। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद ये भी सवाल उठ गया है कि यूपी सरकार लखीमपुर मामले के जांच अधिकारियों को भी बदलेगी?
अजय मिश्रा जिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है वो अभी तक पूछताछ के लिए अब तक पेश नहीं
इस मामले की अगली सुनवाई दशहरे की सरकारी छुट्टी के बाद 20 अक्टूबर को होगी। दो वकीलों शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा द्वारा लखीमपुर मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए लिखी गयी चिट्ठी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। आज इस मामले में याचिकाकर्ता बनने के लिए 100 से ज्यादा लोगों ने मेल किया था जिसे कोर्ट ने नकार दिया। गृह राज्य मंत्री का बेटा अजय मिश्रा जिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है वो अभी तक पूछताछ के लिए पुलिस के सामने अब तक पेश नहीं हुआ है।