- सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
- कोर्ट ने कोरोना महामारी के कारण लिया गया निर्णय
- अगर हम रथयात्रा को अनुमति नहीं देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें इसके लिए माफ कर देंगे- कोर्ट
नई दिल्ली: कोरोना माहमारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में 23 जून को होने वाली भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हम कोरोना महामारी के बीच इसकी इजाजत देगे तो भगवान जगन्नाथ भी हमे माफ़ नहीं करेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि भगवान जगन्नाथ का काम कभी नहीं रुकता है।
23 जून से होनी थी यात्रा
यह विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा 23 जून को होनी थी । एक अनुमान के मुताबिक यात्रा में 10 से 12 लाख लोगों के जमा होने की उम्मीद थी। पुरी का यह कार्यक्रम करीब 10 दिन कार्यक्रम चलता है जिसमें काफी भीड़ रहती है और दूर-दूर से लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- महामारी को देखते हुए लोगों के स्वास्थ्य के लिए आदेश ज़रूरी है।
मुख्य न्यायाधीश ने की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'अगर हम इसकी अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। रथ यात्रा और संबंधित गतिविधियों में भारी भीड़ होगी। सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के आधार पर अनुमति नहीं दी जा सकती है।' दरअसल रथ यात्रा पर रोक लगाने के लिए एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हुएकहा था कि अगर इस महामारी के दौर में यात्रा की अनुमति मिलती हो तो यह 'विनाशकारी प्रसार' का कारण बनेगी। कोर्ट ने कहा कि महामारी के समय ऐसी सभाएं नहीं हो सकती हैं इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में, इस वर्ष रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।