नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को विकास दुबे एनकाउंटर हत्याकांड में आयोग द्वारा सौंपी गई सिफारिश पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहा कि हम राज्य सरकार को आयोग द्वारा प्रस्तुत सिफारिश पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन पर रखा जाएगा और सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। विकास दुबे एनकाउंटर हत्याकांड में कोर्ट को जांच आयोग की रिपोर्ट मिल गई है। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की गई थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार ने जांच आयोग द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह जांच आयोग की रिपोर्ट है और यह अब सार्वजनिक डोमेन में है। सुप्रीम कोर्ट राज्य में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों के मुठभेड़ से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन में 9 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया था। वह फरार था और शहर में महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना करने आया था। हिस्ट्रीशीटर 10 जुलाई 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कथित रूप से भागने का प्रयास करने के बाद एनकाउंटर में मारा गया था।
कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में हुए इस एनकाउंटर का मुख्य आरोपी गैंगस्टर था, जिसमें हमलावरों के एक ग्रुप ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी, जो उसे गिरफ्तार करने गई थी। एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।