- 'आक्रामक व्यवहार' के लिए निलंबित हुए हैं राज्यसभा के आठ सांसद
- निलंबन के खिलाफ संसद परिसर में ये सभी सांसद धरने पर बैठे हैं
- इनका कहना है कि निलंबित कर उनकी आवाज नहीं दबाई जा सकती
नई दिल्ली : राज्यसभा में 'अराजक' व्यवहार दिखाने पर निलंबित विपक्ष के आठ सदस्य सोमवार रात संसद परिसर के बाहर धरने पर बैठे रहे। राज्यसभा के निलंबित सभी सांसद संसद परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, आप नेता संजय सिंह सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों की मांग है कि वे निलंबन खत्म होने तक अपना धरना जारी रखेंगे। धरने पर बैठीं टीएमसी सांसद डोला सेन समय बीताने के लिए गीत नजर आईं। बता दें कि राज्यसभा में 'आक्रामक व्यवहार' दिखाने के लिए राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने सोमवार को इन आठ सांसदों को मानसून सत्र के बचे समय के लिए निलंबित कर दिया। रविवार को कृषि सुधारों से जुड़े विधेयकों के पारित किए जाने के दौरान इन सांसदों का व्यवहार आपत्तिजनक पाया गया जिसके बाद इन पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
सोमवार को विपक्ष के इन आठ सांसदों राजीव सातव, नासिर हुसैन, रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेना, डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), केके रागेश, एलामारम करनीन (सीपीएम), संजय सिंह (आप) को निलंबित करने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से निलंबन प्रस्ताव लाया गया जिसे ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई।
कृषि बिल से जुड़े विधेयकों को विरोध कर रहे थे ये सांसद
इसके पहले राज्यसभा के चेयरमैन नायडू ने उच्च सदन के उप सभापित हरिवंश के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया। नायडू ने कहा कि यह प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं है और न ही इसे लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस दिया गया है। विपक्ष के सदस्यों का कहना है कि कृषि सुधार से जुड़े दो विधेयकों को जिस तरह से पारित किया गया है, वह सही नहीं है। इसके खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए कुछ सांसद रविवार को सदन में भारी हंगामा किया। विपक्ष के सदस्य इन विधेयकों पर वोटिंग कराए जाने की मांग कर रहे थे और जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे कागज फाड़ने लगे। टेबल पर चढ़कर नारेबाजी की और उस समय सदन की कार्यवाही संचालित कर रहे उप सभापति हरिवंश के ऊपर कथित रूप से रूल बुक फेंक दिया।
संसद परिसर में धरने पर बैठे हैं ये सांसद
राज्यसभा से आठ सांसदों के निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, निलंबित आठ सदस्य संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर ये सांसद अपने साथ तकिया और चादर लेकर आए। इसके बाद इन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। संसद परिसर में ये निलंबित सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप धरने पर बैठे हैं। इन सांसदों का कहना है कि 'वे झुकेंगे नहीं।'
'किसानों के साथ खड़े रहेंगे'
निलंबित सांसद करीम ने कहा, 'निलंबन से हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। इस लड़ाई में हम किसानों के साथ खड़े होंगे। राज्यसभा के उपसभापति ने रविवारको संसदीय प्रक्रिया का गला घोंट दिया।' सूत्रों का कहना है कि निलंबित सांसद सदन की कार्यवाही और संसद की समितियों की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते लेकिन उनके संसद परिसर में दाखिल होने पर कोई रोक नहीं है।