- यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया गया है
- बुधवार को चिन्मयानंद की खराब तबीयत के चलते उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था
- पीड़िता की ओर से यौन शोषण के मामले में लगातार कई विडियो जारी कर आरोप लगाए गए थे
नई दिल्ली: यौन शोषण के आरोप में विशेष जांच दल (SIT) और यूपी पुलिस ने ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया है। कानून की छात्रा ने चिन्मयानंद पर कथित तौर पर रेप का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद की गिरफ्तारी शांहजहापुर से हुई है जिन्हें आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। खबरों की मानें तो एसआईटी ने पहले चिन्मयानंद का मेडिकल परीक्षण कराया और फिर उन्हें गिरफ्तार किया।
चिन्मयानंद 3 बार भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं और अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। दरअसल कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा ने कुछ दिन पहले ही एसआईटी को अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए सबूत के तौर पर 43 वीडियो वाली एक पेन ड्राइव दी थी। एसआईटी महिला को चिन्मयानंद के बेडरूम में ले गई थी और सबूत एकत्र किए थे।
कुछ समय पहले छात्रा ने वीडियो में जारी कर कहा था कि चिन्मयानंद की तरफ से उसे और उसके परिवार को मारने की धमकी मिल रही है। पीड़िता ने कहा था उसके पास सबूत हैं जो चिन्मयानंद को मुसीबत में डाल सकता है। इसके लिए छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मदद मांगी थी।
पीड़िता ने लगाए थे ये आरोप
पीड़िता ने कुछ समय पहले मीडिया के सामने आकर कहा था कि चिन्मयानंद ने न केवल मेरा बलात्कार किया बल्कि एक वर्ष तक मुझे प्रताड़ित भी किया। पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा था कि मेरे पास पर्याप्त वीडियो सबूत हैं। पीड़िता ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह सिर्फ उसका ही नहीं, बल्कि एक अन्य छात्रा का भी यौन शोषण करते थे।
पीड़ित परिवार उत्तर प्रदेश पुलिस पर स्वामी चिन्मयानंद की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का शुरूआत से ही आरोप लगाते रहा है। पीड़िता ने बताया था कि उसने दिल्ली के लोधी कॉलोनी स्थित थाने में उसके हाथ से लिखी 12 पन्नों की शिकायत दी थी।
एसआईटी इस मामले की लगातार जांच कर रही थी और पीड़िता से कई घंटे पूछताछ भी कर चुकी है। आपको बता दें कि 23 सितंबर को एसआईटी मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट की निगरानी पीठ के सामने पेश करनी है।