- पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां में खास बातचीत
- दोनों लोगों के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर लंबी चर्चा
- दोनों देशों के संबंधों को ऊंचाई तक ले जाने पर दिया गया बल
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच रिश्ते सदियों पुराने हैं,दोनों देशों के बीच न सिर्फ आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों पर खासी तवज्जो दी जाती रही है। जिस तरह से आतंकवाद का सामना भारत कर रहा है ठीक वैसे ही फ्रांस भी सामना कर रहा है। हाल ही में फ्रांस में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। पीएम ने मैक्रॉन को फ्रांस में हुए आतंकी हमलों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त की, और आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस के प्रति भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया। भारत सरकार ने साफ किया आतंकवाद से किस हद कर शांति स्थिरता और सुरक्षा पर असर पड़ता है उससे हम वाकिफ हैं।
मोदी- मैक्रॉन में बातचीत
दोनों नेताओं ने आपसी हित के अन्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की, COVID19 वैक्सीन, पोस्ट-कोविद आर्थिक सुधार, भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग और जलवायु परिवर्तन में सुधार, सुलभता और पहुंच में वृद्धि पर चर्चा की।उन्होंने गहराई और ताकत पर संतोष व्यक्त किया कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी ने हाल के वर्षों में अधिग्रहण किया है और CO -IDID युग में एक साथ काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। पीएम ने सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थिति के सामान्यीकरण के बाद भारत में राष्ट्रपति मैक्रोन का स्वागत करने की इच्छा व्यक्त की।
कोरोना काल में भारत की भूमिका बढ़ी
फ्रांस और भारत के बीत राफेल डील के बाद से रिश्तों में गर्मी आई है जिसे समय समय पर मैक्रॉन इजहार कर चुके हैं। इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है उसमें भारत की भूमिका अहम हो गई है। जिस तरह से 130 करोड़ वाले देश में कोरोना से निपटने के इंतजाम किए गए उसकी सराहना दुनिया कर रही है। ऐसे में फ्रांस के लिए भारत की महत्ता बढ़ जाती है।