- बहुचर्चित चारा घोटाला: लालू को अब तक 5 मामलों में मिली है साढ़े 32 साल की सजा
- चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज हुए थे
- पांच मामले झारखंड के और एक मामला बिहार का है
चारा घोटाला के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए के गबन के मामले में दोषी ठहराए गए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत ने पांच साल कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने अन्य अभियुक्तों को कैद के अलावा दो करोड़ रुपए तक जुर्माने की सजा सुनाई है। पूर्व सांसद आर के राणा को भी मामले में 5 साल कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस को चार वर्ष कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट के फैसले पर आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। यह अंतिम फैसला नहीं है। हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट हैं। हमने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है और हमें उम्मीद है कि निचली अदालत का फैसला हाई कोर्ट में बदलेगा। ऐसा लगता है कि देश में चारा घोटाले के अलावा कोई घोटाला नहीं हुआ है। बिहार में लगभग 80 घोटाले हो चुके हैं लेकिन सीबीआई, ईडी, एनआईए कहां है? देश में एक ही घोटाला और एक नेता है। सीबीआई विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी को भूल चुकी है।
उन्होंने कहा कि अगर लालू जी ने बीजेपी से हाथ मिलाया होता तो उन्हें राजा हरिश्चंद्र कहा जाता लेकिन आज वो आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें कारावास का सामना करना पड़ रहा है। हम इससे नहीं डरेंगे।
लालू के वकील ने रखी ये दलील
सजा पर बहस के दौरान लालू प्रसाद के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल की उम्र लगभग 75 वर्ष हो चुकी है और वह 17 विभिन्न तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं जिसे ध्यान में रखते हुए, रहम दिल हो कर उन्हें सजा सुनाई जाए। इसी प्रकार अन्य कई अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि इस मामले में 26 साल तक मुकदमा चला है जो अपने आप में एक सजा है, अतः उनकी बीमारी और उम्र के मद्देनजर अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए।
Lalu Yadav : डोरंडा ट्रेजरी केस में लालू यादव को 5 साल की जेल, चारा घोटाला में एक और सजा
1997 में पहली बार जेल गए लालू यादव
चारा घोटाला के मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे। चारा घोटाला में 30 सितंबर, 2013 को चाईबासा कोषागार में 37 करोड़ रुपए के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को पहली बार, रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया और जेल भेजा। बाद में अदालत ने तीन अक्टूबर को उन्हें पांच वर्ष कैद और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी जिसके बाद वह यहां बिरसा मुंडा जेल में 13 दिसंबर, 2013 तक बंद रहे। लालू यादव को इस मामले में 13 दिसंबर, 2013 को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली। उनको 23 दिसंबर, 2017 को चारा घोटाला के देवघर मामले में दोषी करार दिया गया और छह जनवरी, 2018 को साढ़े तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई गई।