- तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग की ग्रुप 1 पोस्ट परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अंग्रेजी और तेलुगु के अलावा उर्दू में परीक्षा देने की अनुमति दी है।
- भाजपा सांसद का कहना है कि इस फैसले से पारदर्शिता में कमी आएगी और पक्षपात बढ़ेगा।
- तेलंगाना में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अब वहां राजनीति गरमाने लगी है।
Telangana Group-1 Post: तेलंगाना में ग्रुप-1 पोस्ट पर भर्ती को लेकर विवाद हो गया है। मामला उर्दू भाषा में परीक्षा देने का है। जिस पर भाजपा सांसद ने आपत्ति जता दी है। असल में तेलंगाना सरकार ने ग्रुप-1 पोस्ट की भर्ती के लिए उर्दू भाषा में लिखित परीक्षा देने की अनुमति दे दी है। सरकार के इस फैसले पर निजामाबाद से भारतीय जनता पार्टी सांसद धर्मपुरी अरविंद ने तेलंगाना सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं।
सरकार का क्या है फैसला
हाल ही में, राज्य सरकार ने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (TSPSC) की ग्रुप 1 पोस्ट परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अंग्रेजी और तेलुगु के अलावा उर्दू में परीक्षा देने की अनुमति दी है। अभी तक उम्मीदवार अंग्रेजी और तेलगु भाषा में ही परीक्षा दे सकते थे। इसी फैसले का भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद ने विरोध किया है।
भाजपा सांसद का कहना है कि इस फैसले से पारदर्शिता में कमी आएगी और पक्षपात बढ़ेगा। यही नहीं इससे हिंदू लोगों के लिए ग्रुप-1 पोस्ट के लिए नियुक्त होना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी महत्वपूर्ण पदों को मुसलमान संभालेंगे और हिंदुओं को ग्रुप -2, ग्रुप -3 और ग्रुप - 4 मिलेगा। आधा और पूरा एक अंक अधिक प्राप्त करने से वे (मुसलमान) 'तीसमरखान' बन जाएंगे और हम (हिंदू) उनके गुलाम बन जाएंगे। अरविंद ने कहा कि अंग्रेजी और तेलुगु भाषा में लिखी गई कॉपी को कोई भी हिंदू, मुस्लिम या ईसाई चेक कर सकता है। लेकिन उर्दू में लिखी गई कॉपी को मुसलमान ही चेक सकता है।
तेलंगाना में अगले साल चुनाव
तेलंगाना में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अब वहां राजनीति गरमाने लगी है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के इस फैसले को लेकर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं। खास तौर से इन आरोपों को इसलिए बल मिल रहा है कि अब जब चुनाव होने में मुश्किल से डेढ़ साल का वक्त रह गया हो तो के.सी.आर सरकार ने मुस्लिम उम्मीदवारों को लेकर यह फैसला किया है। इन चुनावों को देखते हुए के.सी.आर की पार्टी टीआरएस ने हाल ही में प्रशांत किशोर द्वारा बनाई गई कंपनी आईपैक से समझौता किया है।
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