नई दिल्ली: कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-इस्लाम (Lashkar-e-islam) ने एक धमकी भरा पत्र जारी कर लिखा है, हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी घाटी छोड़ दें या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहें। प्रवासी कॉलोनी के अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र में, समूह ने सभी 'प्रवासियों और आरएसएस एजेंटों' को 'छोड़ने या मौत का सामना करने' के लिए कहा।
इसके अलावा, आतंकवादी समूह ने कहा कि 'ऐसे कश्मीर पंडित जो कश्मीर एक और इजरायल चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है, अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो, तुम मरोगे'
गुपकर घोषणापत्र गठबंधन ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से घाटी नहीं छोड़ने की अपील की
जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साझा मंच 'गुपकर घोषणापत्र गठबंधन' ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अपील की कि वे घाटी छोड़कर नहीं जाएं। गठबंधन ने कहा कि यह उनका घर है और यहां से उनका जाना 'सभी के लिए पीड़ादायक होगा।'उल्लेखनीय है कि समुदाय के सदस्यों की आतंकवादियों द्वारा की गई लक्षित हत्या के बाद समुदाय के लोगों ने उन्हें दूसरे स्थान पर बसाने की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की
गुपकर घोषणा गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से राजभवन में मुलाकात की। इसके बाद गुपकर घोषणापत्र गठबंधन की ओर यह अपील की गई है।यह बैठक राहुल भट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर हुई। भट की हत्या के बाद समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।उप राज्यपाल के साथ बैठक के बाद पांच दलों के गठबंधन के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी ने कहा कि घाटी कश्मीरी पंडितों का भी उतना ही घर है जितना कश्मीरी मुस्लिमों का।तारिगामी ने कहा, 'हम उनसे अपील करते हैं कि यह देश आपका भी उतना ही है जितना मेरा। आप अपने घर को छोड़कर नहीं जाएं। यह हमारे और आपके लिए पीड़ादायक होगा।'