- ठाणे में जीवित व्यक्ति का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र, फोन करके ले जाने को कहा
- टीचर चंद्रशेखर को 10 महीने पहले हुआ था कोरोना
- ठाणे नगर निगम ने कहा- गलती को ठीक कर इसकी जांच की जा रही है,
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल यहां रहने वाले 55 वर्षीय शिक्षक चंद्रशेखर को उस वक्त झटका लगा जब इस सप्ताह की शुरूआत में उसे ठाणे नगर निगम की ओर से फोन आया। फोन कर खुद को स्वास्थ्य विभाग की कर्मचारी बताने वाली एक महिला ने उनसे कहा कि उनका मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार है और वह आकर इसे ले जाएं। इसे सुनकर चंद्रशेखर भी हैरान रह गए क्योंकि वह तो जिंदा थे।
'मैं भी रह गया हैरान'
चंद्रशेखर ठाणे के मनपाड़ा इलाके में रहते हैं और अगस्त 2020 में वह कोविड 19 पॉजिटिव हुए थे। इसके बाद उनका घर पर इलाज हुआ और वो ठीक हो गए। क्वारंटीन रहने के दौरान, चंद्रशेखर को उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए निगम की तरफ से एक बार फोन आया था। चंद्रशेखर कहते हैं, 'मुझे पिछले साल कोरोना हुआ था लेकिन मेरे पास मंगलवार को कॉल आया है बताया कि मेरी मौत हो गई है। मैंने बताया मैं ही चंद्रशेखर हूं और जिंदा हूं। अच्छा हुआ मैंने कॉल रिसीव किया यदि यह कॉल मेरी पत्नी के पास चले जाता तो पता नहीं क्या हो जाता।'
10 महीने पहले हुआ था कोरोना
इसके बाद जब चंद्रशेखर ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के कार्यालय गए, तो उन्हें कथित तौर पर एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 22 अप्रैल, 2021 को उनकी 'मृत्यु' हो गई थी। इसके अलावा चंद्रशेखर के मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) में उल्लेख किया गया है कि वह दस महीने पहले एक कोविड रोगी थे। वहीं नगर निगम ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि टीएमसी यह डेटा तैयार नहीं करती है बल्कि यह पुणे से बनकर आता है।
शिकायत दर्ज कराई
चंद्रशेखर ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है और निगम के अधिकारियों ने उन्हें गलती को ठीक करने का आश्वासन दिया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि यह सिस्टम की वजह से हुई गलती हो सकती है जिसकी जांच की जा रही है। आपको बता दें कि ठाणे जिले में गुरुवार को 534 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद महामारी के मामलों की संख्या बढ़कर 5,32,533 हो गयी है।