- 20 गांव के लोगों को वहां से सुबह ही सुरक्षित जगहों और अस्पतालों में पहुंचाया गया
- गैस लीक हादसे में 11 लोगों की मौत, एतक हजार से ज्यादा लोगों पर असर
- एलजी पॉलीमर प्लांट से रिसाव पर नियंत्रण पाया जा चुका है।
नई दिल्ली। विशाखापत्तनम में एक बार फिर गैस रिसाव की वजह से 20 गांवों को खाली कराया गया है। किसी भी हालात का सामना करने के लिए एनडीआरएफ की टीमें इलाके में तैनात हैं। इससे पहले गुरुवार की रात गैस लीक हुई थी। लोग अपने अपने घरों में सोए हुए थे। लेकिन किसी ने सोचा नहीं होगा गैस लीक के रूप में वो एक बड़ी तबाही का सामना करने वाले हैं। एलजी पॉलीमर के प्लांट से स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से ज्यादा लोगों पर असर हुआ था।
एक बार फिर हुआ गैस रिसाव
एलजी पॉलीमर में एक बार फिर गैस रिसाव हुआ। रिसाव पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुईं। किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए मौके पर दमकल की 10 गाड़ियों को तैनात किया गया है। फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐहतियात के तौर पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है ताकि दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रसायन संयंत्र में गैस लीक होने की घटना की अच्छी तरह जांच होनी चाहिये।
विशाखापत्तनम गैस लीक से जुड़ी कुछ बड़ी बातें
- विशाखापत्तनम के आर आर वैंकटपूरा इलाके में रात में ढ़ाई बजे गैस का रिसाव शुरू हुआ था। उस समय लोग गहरी नींद में थे। लेकिन जब सांस लेने में दिक्कत शुरू हुई तो घर के बाहर भागे। लेकिन गैस का असर इतना अधिक था कि बेहोश हो गये। कुछ लोग ऐसे भी थे जो मोटरसाइकिल से उस इलाके को छोड़ना चाहते थे। लेकिन बेहोश होकर मोटरसाइकिल से ही गिर पड़े। प्रशासन को जब जानकारी मिली तो लोगों को जगाया गया और अस्पताल पहुंचाने की कार्रवाई शुरू हुई।
- सवाल यह है कि आखिर गैस लीक के पीछे वजह क्या है। प्रारंभिक जांच में जानकारी के मुताबिक गैस वाल्व में खराबी थी और जो हादसे की वजह बनी। विशाखापत्तनम नगर निगम कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि फिलहाल तो पीवीसी या स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ है। लेकिन पुख्ता जांच के बाद ही बता पाना मुमकिन होगा कि क्या कोई और वजह थी।
- कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई केमिकल यूनिट को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया था।कुछ समय बाद टैंकों में जमा गैस लीक होने लगी और तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गई।
- मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने अमरावती में अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की. इसके बाद वे विशाखापत्तनम में चल रहे बचाव कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से रवाना हुए। विशाखापत्तनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए। सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस बारे में सभी जानकारियां हासिल की। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक आपातकालीन बैठक बुलाईगई।इसके साथ ही दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाने और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए थे।
- मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने गैस लीक के मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये सहायता राशि देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है जो घटना के कारणों की जांच करेगी और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी।
- आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि वह कंपनी से बात कर मृतकों के परिजनों को कंपनी के ही किसी प्लांट में नौकरी दिलाने की अपील करेगी।गैस लीक के कारण जो लोग वेंटिलेटर पर हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री ने 10 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।
विशाखापत्तनम गैस लीक की घटना से 36 साल पुराना भोपाल गैस कांड याद आ गया। उस हादसे में करीब 20 हजार लोगों की जान चली गई थी, हालांकि सरकारी आंकड़ा कम था। उस कांड का असर और उसकी टीस आज भी कायम है। हर साल गैस कांड के प्रभावित लोग जंतर मंतर प्रदर्शन करते हैं।