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त्रिपुरा केस में गृहमंत्रालय का बयान नहीं तोड़ी गई थी मस्जिद , सवाल यह कि महाराष्ट्र क्यों सुलगा

Updated Nov 13, 2021 | 21:56 IST

गृह मंत्रालय का कहना है कि त्रिपुरा के जिस मामले को लेकर महाराष्ट्र के कुछ जिले सुलग गए वो मामला था ही नहीं। दरअसल हाल फिलहाल में किसी मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचाया गया था।

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त्रिपुरा केस में गृहमंत्रालय का बयान नहीं तोड़ी गई थी मस्जिद , सवाल यह कि महाराष्ट्र क्यों सुलगा
मुख्य बातें
  • त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन
  • महाराष्ट्र के डीजीपी बोले- हालात नियंत्रण में
  • त्रिपुरा में कोई हाल फिलहाल में कोई मस्जिद नहीं तोड़ी गई थी

महाराष्ट्र के कुछ अमरावती, नांदेड़ में हालात नियंत्रण में है। महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडेय ने कहा कि  महाराष्ट्र में कल से कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं. हमने कुछ जगहों पर संचार शटडाउन लगाया है जिसका पालन करना होगा। हिंसा, बर्बरता की किसी भी घटना के परिणाम होंगे। इस बीच गृह मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में, त्रिपुरा के बारे में फर्जी खबरों के आधार पर हिंसा और आपत्तिजनक बयानों की खबरें आई हैं जिनका उद्देश्य शांति और सद्भाव को बिगाड़ना है। यह बहुत ही चिंताजनक है और यह आग्रह किया जाता है कि हर कीमत पर शांति बनी रहे।

त्रिपुरा में नहीं तोड़ी गई थी मस्जिद
हाल के दिनों में त्रिपुरा में किसी मस्जिद के ढांचे के क्षतिग्रस्त होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है, इन घटनाओं में किसी व्यक्ति की साधारण या गंभीर चोट या बलात्कार या मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है: गृह मंत्रालय त्रिपुरा के गोमती जिले में एक मस्जिद के क्षतिग्रस्त होने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया में प्रसारित समाचार फर्जी है और तथ्यों की पूरी तरह से गलत बयानी है। लोगों को शांत रहना चाहिए और ऐसी खबरों से गुमराह नहीं होना चाहिए।

महाराष्ट्र डीजीपी का बयान
डीजीपी संजय पांडे ने कहा कि स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर नहीं है; कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमें उम्मीद है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी जिसमें हमें बल प्रयोग करना पड़े; लोगों से गिरफ्तारी और कानून-व्यवस्था को बाधित करने वाली गतिविधियों में शामिल न होने का आग्रह करें।


अमरावती में कर्फ्यू लगा

महाराष्ट्र के अमरावती शहर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कथित तौर पर आहूत बंद के दौरान भीड़ ने विभिन्न स्थानों पर पथराव किया और दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगाया दिया गया। बंद का आयोजन त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती शहर में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के खिलाफ किया गया था।
अमरावती पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया।राज्य की राजधानी से लगभग 670 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र के इस शहर के राजकमल चौक इलाके में सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए। इनमें से ढेर सारे लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
शुक्रवार और शनिवार को पथराव की एक के बाद एक हुई घटनाओं की पृष्ठभूमि में कार्यवाहक पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती शहर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।
चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। आदेश के अनुसार पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। कर्फ्यू अगले नोटिस तक लागू रहेगा।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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