- ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे।
- इस मामले में कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ईश्वरप्पा का नाम आ रहा है।
- आरोप है कि ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।
नई दिल्ली : कर्नाटक में सरकारी ठेकों में '40 फीसदी कमीशन' का आरोप लगाने के वाले एक ठेकेदार की कथित खुदकुशी के मामले को लेकर राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए भारतीय युवा कांग्रेस ने बुधवार को प्रदर्शन किया। कांग्रेस की इस मांग पर कर्नाटक मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि डेथ नोट झूठा प्रचार है (ठेकेदार संतोष पाटिल पर जिन्होंने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जो उडुपी के एक लॉज में मृत पाए गए थे)। मैंने सीएम बोम्मई और पार्टी अध्यक्ष को सूचित किया है कि मेरे मंत्री पद से इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है।
कांग्रेस ने कहा- बीजेपी का नया नारा- खूब खाऊं और मरने दो'
युवा कांग्रेस की ओर से जारी बयान के अनुसार, संगठन के नेता एवं कार्यकर्ता गृह मंत्री अमित शाह के आवास की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया और हिरासत में ले लिया। इस मौके पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि हमारी मांग है कि ईश्वरप्पा को तत्काल बर्खास्त किया जाए और फिर गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक की जांच हो। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 8 साल से हम सुन रहे है खूब खाऊं और खाने दो, लेकिन अब ये बदल कर हो गया है 'खूब खाऊं और मरने दो'। यह बीजेपी का नया नारा है। कर्नाटक में यही हो रहा है।युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव में कहा कि अनेकों युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सुनहरी बाग चौराहे से गृह मंत्री अमित शाह के आवास के तरफ बढ़े। दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगा कर उन सभी को रोक दिया और फिर हिरासत में ले लिया।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। कर्नाटक में एक ठेकेदार की मौत को लेकर, राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है। ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए वह खुद ईश्वरप्पा से बात करेंगे।
पुलिस ने मृतक के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ - रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस को दी गयी शिकायत में प्रशांत पाटिल ने कहा कि वर्ष 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं। पाटिल ने आगे कहा कि ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बिना इस काम की अनुमति दे दी। ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था।
शिकायत में प्रशांत ने ये भी कहा है कि उनके भाई संतोष पाटिल ने परियोजना में चार करोड़ रुपये का निवेश किया था और उसका बिल अब तक लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी दे कर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।