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Year End 2020: लोकतंत्र के मंदिर में ये चेहरे अब कभी नहीं आएंगे नजर, 2020 दे गया ढेरों गम

Updated Dec 20, 2020 | 13:00 IST

2020, 21वीं सदी के दूसरे दशक का अंतिम साल है। यह वर्ष खुशियों से अधिक दुख लेकर आया है। दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है उसके साथ देश ने कई राजनीतिक हस्तियों को खो दिया।

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लोकतंत्र के मंदिर में ये चेहरे अब कभी नहीं आएंगे नजर

प्रणब मुखर्जी
13वें राष्ट्रपति रह चुके और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था। बाथरुम में फिसलने की वजह से दिमागी चोट आई थी। बाद में वे कोरोना संक्रमित भी हो गए थे। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के छोटे से गांव में पैदा हुए प्रणब दा भारतीय राजनीति में अलग पहचान थी। महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रणब दा राष्ट्रपति के पद पर पहुंचे थे। उन्हें प्रधानमंत्री पद के रूप में वे एक अहम दावेदार के तौर पर भी देखा जाता था। लेकिन कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति के शिकार हो गए।


अहमद पटेल

अहमद पटेल,  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार थे। राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया। अहमद पटेल 71 साल के थे और कोरोना के शिकार हो गए थे। अहमद पटेल को संकट मोचक के रूप में माना जाता था। अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे थे। बड़ी बात यह है कि 26 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रखा था।


राम विलास पासवान

लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान देश में दलित राजनीति के बड़े चेहरों में से एक थे।रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में 8 अक्टूबर को निधन हो गया था। सामाजिक न्याय की लड़ाई के वो अगुवा माने जाते थे। उनकी चुनावी राजनीति 1969 में शुरु हुई थी। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे। 1977 में हुए आम चुनाव में रामविलास पासवान पहली बार सांसद बने और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। उनकी जीत के रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।

अमर सिंह
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता व राज्यसभा सांसद अमर सिंह 1 अगस्त, 2020 को निधन हो गया था। सिंगापुर में  अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी साल 1956 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ था। 1996 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव में काफी नजदीकियां थी। अमर सिंह को जोड़-तोड़ की सियासत के लिए ज्यादा जाना जाता है।

अजीत जोगी
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी का निधन भी साल 2020 में ही हुआ। उनका निधन 29 मई 2020 को हुआ था। जोगी लंबे समय से बीमार थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर भी रहे और बाद में राजीव गांधी के अनुरोध पर राजनीति में आ गए। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ भी ली। बड़ी बात यह है कि वो अपनी जाति संबंधी विवाद को लेकर हमेशा चर्चा में रहे सुर्खियों में रहे।

जसवंत सिंह
भाजपा के संस्थापक नेताओं में शामिल रहे जसवंत सिंह का निधन 27 सितंबर, 2020 को निधन हो गया। 82 वर्ष की आयु में कार्डिएक अरेस्ट उनके निधन की वजह बनी। अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ उन्होंने मिलकर काम किया। राजस्थान के रहने वाले जसवंत सिंह ने पहली बार 1996 में वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। बाद में विदेश मंत्री भी रहे। रक्षा घोटाले में जॉर्ज फर्नांडीस का नाम आने के बाद जसवंत सिंह को रक्षा मंत्री बनाया गया था।

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