- सीमाई राज्यों में 50 किमी इलाके को बीएसएफ को सौंपे जाने की फारुक अब्दुल्ला ने की आलोचना
- केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया
- नागालैंज की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी होगी।
नेशनल कांफ्रेस के मुखिया फारुक अब्दुल्ला वैसे तो हर वक्त केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। लेकिन नागालैंड की घटना के बाद खासे आक्रोशित हैं। उनकी नाराजगी इस बात से है कि केंद्र सरकार मे सीमाई राज्यों खासतौर से बंगाल, पंजाब की 50 किमी सीमा को बीएसफ के हवाले करने का फैसला क्यों किया है।
'वो कुछ ऐसा मानते हैं'
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि उनके पास बहुमत है और वो कुछ भी कर सकते हैं, पंजाब में जिस तरह से 50 किमी के इलाके के बीएसएफ के हवाले किये जाने का मतलब क्या है, क्या केंद्र सरकार को पंजाब की पुलिस पर भरोसा नहीं है। क्या पंजाब पुलिस उन इलाकों में होने वाले अपराधों पर काबू पाने में योग्य नहीं है, आप आगे देखते जाइए जैसे नागालैंड में निर्दोष लोगों को मारा गया वैसे ही घटनाएं आने वाले समय में होंगी।
'लोकतंत्र के साथ मजाक हो रहा है'
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि नागालैंड में जिस तरह सुरक्षाबलों ने निर्दोष लोगों को मार दिया उसे आप क्या कहेंगे। इस तरह की घटना से सीमाई राज्यों में रहने वाले लोगों के दिल में नफरत की भावना घर कर जाती है। देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बेशक केंद्र सरकार की है। लेकिन जिस तरह से राज्यों के अधिकारों में कटौती की जा रही है वो अपने आपमें चौंकाने वाली बात है। भारत जैसा देश जो विविधताओं से भरा है वहां तो सामांजस्य के साथ चलने की सबसे अधिक जरूरत होती है। लेकिन आज क्या हो रहा है, केंद्र का शक्तियों के एकीकरण पर खास जोर है जो निश्चित तौर पर लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।