- देश में अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है
- कई वायरोलॉजिस्ट का मानना है कि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं
- एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया भी तीसरी लहर आने की बात कह चुके हैं
बेंगलुरु : देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर अक्टूबर महीने में दस्तक दे सकती है। इसे देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें इस तीसरी लहर से निपटने की अपनी तैयारी भी कर रही हैं। इसी बीच, देश में कुछ ऐसे विषाणुविज्ञानी (वायरोलॉजिस्ट) भी हैं जो तीसरी लहर का आना तय नहीं मान रहे हैं। विषाणुविज्ञानी एवं इस क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं कि इतनी जल्दी तीसरी लहर के आने की संभावना बहुत कम है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी की नई लहर जल्द आने वाली है, यह दर्शाने वाला कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का सामना देश को अक्टूबर से पहले करना पड़ सकता है।
'तीसरी लहर आएगी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं'
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रोबायलोजी की आईआईएससी प्रोफेसर एवं विषाणुविज्ञानी डॉक्टर विजया का कहना है, 'कोरोना की नई लहर आएगी, इसका अनुमान जताने वाला कोई वैज्ञानिक डाटा अथवा कोई तकनीकी आधार नहीं है। फिर भी हमें इस बात को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है कि कोरोना संक्रमण के गिरते मामलों के बीच लोग कहीं लापरवाह न हो जाएं।'
तीसरी लहर आने की बात कह चुके हैं गुलेरिया
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने पिछले सप्ताह मीडिया से बातचीच में कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। उन्होंने कहा कि यह लहर छह से आठ सप्ताह के बीच आ सकती है। लेकिन देश के नामी वायरलोजिस्ट्स उनके इस विचार से सहमत नहीं है। इनमें से एक विषाणुविज्ञानी की राय है कि अब कोई लहर नहीं आएगी।
टीएसी के चेयरमैन ने भी आशंका को कमतर आंका
कोविड-19 टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) के चेयरमैन डॉ. एमके सुदर्सन ने कर्नाटक के संदर्भ में कहा कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि राज्य में अक्टूबर से पहले कोरोना की कोई नहीं लहर आएगी। राज्य सरकार के अधिकारियों ने भी कथित रूप से महाराष्ट्र के कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों से संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि तीसरी लहर आने की थियरी का समर्थन करने वाला कोई साक्ष्य नहीं है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा, 'कोरोना की तीसरी लहर आने के अनुमान पर विशेषज्ञ अभी भी चर्चा कर रहे हैं। तीसरी लहर की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने एक टीम बनाई है। यह टीम एक्शन प्लान तैयार करेगी। टीएसी को अन्य-अन्य स्रोतों से इनपुट्स मिल रहे हैं। वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने वाली है।'
'नया वैरिएंट मिलने के बाद ही तीसरी लहर की आशंका'
जाने-माने विषाणुविज्ञानी डॉ. टी जैकब जॉन का कहना है कि कोरोना वायरस का जब तक कोई नया वैरिएंट नहीं आ जाता तब तक देश में महामारी की तीसरी लहर नहीं आएगी। डॉ. जान ने कहा कि कोरोना का मौजूदा वैरिएंट संक्रमण की तीसरी लहर नहीं पैदा कर सकता। डॉ, जॉन ने कहा, 'कोरोना का डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट्स थोड़े बदलाव के साथ कमोबेश एक जैसे हैं। ये वैरिएंट्स कमजोर हो रहे हैं। जुलाई के अंत तक पैंडेमिक, एंडेमिक में बदल जाएगा। इसके बाद आक्रामक टीकाकरण अभियान से इस साल कोविड-19 से छुटकारा पाया जा सकता है।'