दिल्ली से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे (बीजेपी) कल्याणकारी योजनाओं का यह कहकर मजाक उड़ा रहे हैं कि यह 'रेवड़ी' है। वे एक भी किसान का कर्ज नहीं माफ करेंगे। इस मॉडल के तहत, वे छात्रों को मुफ्त सरकारी शिक्षा देने में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा देश में गवर्नेंस के दो मॉडल सामने आए हैं। एक मॉडल जिसमें सत्ता में बैठे लोग अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों को मदद पहुंचाते हैं। उनको हर तरह की मदद करते हैं वह दोस्तवाद का मॉडल है। दोस्तवादियों के मॉडल में सत्ता में बैठे हुए लोगों के टैक्स मॉफ होते हैं। लॉन माफ होते हैं लाखों के करोड़ के लॉन मॉफ होते हैं। फिर कहा जाता है यह डवलपमेंट है। फिर कहा जाता है यह विकास से लिए किया जा रहा है।
दूसरा मॉडल है जनता के पैसे का इस्तेमाल लोगों को अच्छे सरकारी स्कूल देने में किया रहा है। लोगों को अच्छे सरकारी अस्पताल, वहां पर अच्छी दवाइयां और इलाज के लिए किया जा रहा है। उनको सस्ती और मुफ्त बिजली देने के लिए किया जा रहा है। तरह तरह की सुविधाएं देने के लिए किया जा रहा है। सरकारी टैक्स के पैसे से लोगों को तीर्थ यात्रा कराई जा रही है। जनता के टैक्स के पैसे से महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा कराई जा रही है। बुजुर्गों को पेंशन दी जा रही है। ये सब जनता के टैक्स के पैसे से हो रहे है।
तो दो तरह के मॉडल हैं। एक तरफ जनता के टैक्स के पैसे को दोस्तों के हजारों लाखों करोड़ों के लोन माफ किया जा रहा है, उनके टैक्स माफ किया जा रहा है। दूसरी तरफ जनता के टैक्स के पैसे को करोड़ों लोगों के कल्याण में खर्च किया जा रहा है।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि वे (भाजपा) स्कूलों और अस्पतालों को इस हद तक बर्बाद करने में विश्वास करते हैं कि लोग प्राइवेट स्कूलों और अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर हो जाएं, जो ज्यादातर उनके दोस्तों के हैं। एक बार जब गरीब लोग फीस का भुगतान करने में विफल होते हैं, तो इनके लिए प्राइवेट संस्थानों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।