- नौसेना दिवस के मौके पर एडमिरल करमबीर सिंह ने मीडिया से की बातचीत
- चीन से जारी गतिरोध के बीच सिंह ने नौसेना की तैयारियों के बारे में बताया
- एडमिरल ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में पूरी तरह से सतर्क एवं मुस्तैद है नौसेना
नई दिल्ली : नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने गुरुवार को कहा कि समुद्र में चीन सहित अन्य कारकों से मिलने वाली सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए उनका बल पूरी तरह से सक्रिय एवं मुस्तैद है। नौसेना दिवस के मौके पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एडमिरल ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में यदि किसी तरह का उल्लंघन होता है तो उससे निपटने के लिए नौसेना के पास मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पहले से मौजूद है। सिंह का इशारा चीन की तरफ था।
पी-8I और हेरोन ड्रोन्स की तैनाती
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी गतिरोध का हवाला देते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि इलाके में निगरानी विमानों पी-8I और हेरोन ड्रोन्स की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा, 'हम जो कुछ कर रहे हैं, उनका सेना एवं वायु सेना के साथ समन्वय है।' पूर्वी लद्दाख में गत मई से भारत और चीन की सेना आमने-सामने हैं। सीमा पर तनाव का माहौल बने सात महीने बीत चुके हैं लेकिन जमीनी हालात पर ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं। हालांकि तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर बातचीत जारी है।
खुद को तैयार रखने के लिए नौसेना प्रतिबद्ध
सामुद्रिक क्षेत्र में नौसेना को मिलने वाली समग्र चुनौतियों के बारे में एडमिरल सिंह ने कहा कि परीक्षा की इस घड़ी में नौसेना खुद को तैयार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रस्तावित नौसैना थियेटर कमान के बारे में सेना के अधिकारी ने कहा कि इस दिशा में काम तेजी से चल रहा है और इसका एक आकार कुछ समय में सामने आएगा। एडमिरल ने कहा कि समुद्र में देश की क्षमता एवं ताकत बढ़ाना नौसेना के प्रमुख उद्देश्यों में रहा है। नौसेना में तीसरे एयरक्राफ्ट करियर के शामिल करने के बारे में में उन्होंने कहा कि इस जरूरत को लेकर नौसेना का इरादा बिल्कुल साफ है।
30 प्रिडेटर ड्रोन्स खरीदने की चल रही प्रक्रिया
सिंह ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार कमान मैरीटाइम थियेटर कमान का हिस्सा होगा। तीनों सेनाओं के लिए 30 प्रिडेटर ड्रोन्स के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। ये ड्रोन काफी क्षमतावान होंगे। नौसेना 2000 स्मैश राइफल खरीद रही है। ये राइफल हमला करने वाले ड्रोन को मार गिराने में कारगर होंगे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के युद्धपोतों की मौजूदगी के बारे में सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन साल 2008 से एंटी-पाइरेसी गतिविधि के नाम पर अपने तीन पोतों को भेजता रहा है।