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Rafale : चीन-पाक की बेचैनी बढ़ाने फ्रांस से आ रहे 3 और राफेल, 5 नवंबर को करेंगे लैंड

Updated Oct 28, 2020 | 14:41 IST

Rafale लड़ाकू विमानों के आ जाने से वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की खूबियों से लैस लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
चीन-पाक की बेचैनी बढ़ाने फ्रांस से आ रहे 3 और राफेल।
मुख्य बातें
  • गत 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे 5 राफेल लड़ाकू विमान
  • इनके आने से भारतीय वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई है
  • पांच नवंबर को वायु सेना के बडे़ में शामिल हो जाएंगे 3 और राफेल

नई दिल्ली : दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमान राफेल को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी भारतीय वायु सेना के लिए अच्छी खबर है। वायु सेना को आने वाले पांच नवंबर को फ्रांस से तीन और राफेल मिल जाएंगे। गत 29 जुलाई को पांच राफेल पहले ही भारत पहुंच चुके हैं और वायु सेना की 17वीं स्क्वॉड्रन में शामिल हो चुके हैं। इन पांच राफेल लड़ाकू विमानों को गत 10 सितंबर को हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया।

फ्रांस के साथ 36 राफेल का हुआ है करार
भारत सरकार ने 59,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा फ्रांस की सरकार के साथ किया है। फ्रांस की दसौं एविएशन इन लड़ाकू विमानों का निर्माण करती है। राफेल लड़ाकू विमानों के आ जाने से वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की खूबियों से लैस लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं हैं। राफेल की वजह से वायु सेना को अपने दोनों पड़ोसी देशों की वायु सेना पर बढ़त हासिल हो गई है।

दुनिया का बेहतरीन लड़ाकू विमान है राफेल
राफेल 4.5 पीढ़ी का विमान है और इसमें रडार को चकमा देने की क्षमता भी है। मिसाइलों एवं हथियारों से लैस हो जाने के बाद यह लड़ाकू विमान काफी घातक हो जाता है। इस लड़ाकू विमान की एक विशेषता यह भी है कि यह अपने वजन से डेढ़ गुना ज्यादा भार के साथ उड़ान भर सकता है। बताया जाता है कि भारत को अगले तीन राफेल जनवरी, तीन मार्च में और अप्रैल तक और सात लड़ाकू विमानों मिल जाएंगे।



युद्ध के समय बाजी पलट देंगे राफेल
गत 29 अगस्त को भारत पहुंचने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमानों ने हिमाचल प्रदेश की दुर्गम ऊंचाइयों में अपने रात्रिकालीन अभ्यास को अंजाम दिया। पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल का वायु सेना में शामिल होना काफी अहम है। गत आठ अक्टूबर को वायु सेना दिवस पर राफेल विमानों ने हिंडन एयरबेस पर हवाई करतब एवं अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया। 

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