नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी मई की शुरुआत से लेकर मध्य तक देश में चरम पर पहुंच सकती है। इसके बाद इस पर काबू पाया जा सकता है, अगर हम लॉकडाउन और ऐसे ही अन्य उपायों को सफलतापूर्वक लागू करते हैं। यह कई परिदृश्य-आधारित अनुमानों में से एक है, जिसे 'द टाइम्स फैक्ट- इंडिया आउटब्रेक रिपोर्ट' ने किया है।
15 अप्रैल, 2020 की यह रिपोर्ट वैश्विक परामर्श कंपनी प्रोटिविटी और टाइम्स नेटवर्क के संयुक्त रिसर्च पर आधारित है, जिसे इस आकलन के मकसद से किया गया कि कोविड-19 देश को किस हद तक प्रभावित कर सकता है। इसे तीन तरह के पूर्वानुमान मॉडल- % आधारित, समय-श्रृंखला आधारित और SEIR मॉडल के आधार पर कुल सांख्यिकीय उपायों का उपयोग करते हुए तैयार किया गया है।
कोविड-19 महामारी एक वैश्विक संकट है। हर देश इससे जूझ रहा है और इसकी रोकथाम को लेकर तमाम रणनीतियां अपना रहा है। इससे 17 अप्रैल तक दुनियाभर में 21 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तो 1,45,000 लोगों की इससे जान गई है। भारत में अभी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 13,387 हैं तो 437 लोगों की मौत हुई है। यहां केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं।
हालांकि लोगों के मनन में बहुत से सवाल हैं और वे जानना चाहते हैं कि इस समय देश में महामारी की क्या स्थिति है और आने वाले दिनों व सप्ताहों में क्या होने वाला है। भारत में संक्रमण की तथाकथित चरम वाली स्थिति कब होगी? संख्या के लिहाज से चरम की स्थिति कैसी होगी?
कुछ धारणाएं और संदर्भ
कुल एक्टिव मरीजों की संख्या के साथ रोजाना सामने आने वाले नए मामलों का इस्तेमाल करते हुए कोविड-19 के विस्तार के अनुमान के लिए आठ भारतीय राज्यों और 3 शीर्ष हॉटस्पॉट के साथ पूरे देश का विश्लेषण 50 दिनों की अवधि के लिए किया गया। ये आठ राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हैं।
संक्रमित मामलों का अनुमानित विस्तार 24 मार्च, 2020 से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के अंतर्निहित प्रभाव के संदर्भ में है और आने वाले समय को लेकर जिस संख्या का अनुमान जताया गया है वह भी इस समझ पर आधारित है कि लॉकडाउन की यह अवधि अगले 45 दिनों तक जारी रहेगी। अध्ययन में दिए गए अनुमान मुख्य रूप से टाइम सीरीज मॉडल्स पर आधारित हैं और इसलिए हम समझते हैं कि कोविड-19 के जटिल व गतिशील प्रभाव रोजाना के आधार पर सामने आएंगे और यह एक सतत कार्य है।
यह कार्य पूरी तरह से एक परिदृश्य आधारित मॉडलिंग फ्रेमवर्क है, जिसमें टाइम्स नेटवर्क समूह के साथ प्रोटीविटी ने इस महामारी की स्थिति का विश्लेषण किया है और कई महत्वपूर्ण अनुमानों के तहत एक मजबूत सांख्यिकीय तरीके से इसे तैयार करने के लिए साथ आया है। इसलिए अध्ययन के नतीजे आगामी को लेकर किसी तरह के संकेत नहीं हैं, बल्कि विचार-विमर्श के लिए संभावित परिस्थितियां हैं।
इस अध्ययन में देश और सभी राज्यों के टेस्टिंग डेटा, जांच के समय, प्रतिरक्षा जैसे बाह्य कारकों, बीसीजी टीकाकरण और एक खास समय में विदेश यात्रा, विशिष्ट क्लस्टर घनत्व, जनसांख्यिकी आदि को ध्यान में नहीं रखा गया है। अनुमान जताने वाले इस मॉडल में अमेरिका, इटली, चीन, मलेशिया, दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों में विस्तार की दर को समझते हुए इस पर विचार किया गया है।
यह अध्ययन कई तरह के मान्यताओं पर आधारित है, जो ग्रैन्यलर लेवल पर भिन्न हो सकते हैं। इसके खत्म होने में लॉकडाउन की महत्वपूर्ण भूमिका है। लॉकडाउन की एक लंबी अवधि में इसकी रोकथाम की उम्मीद कर सकते हैं। महामारी के उन्मूलन के लिए पर्याप्त अवधि के एक मजबूत लॉकडाउन और नियंत्रण की आवश्यकता है।
डिस्क्लेमर : कोविड-19 महामारी तेजी से बढ़ रही है, रोज नए तथ्य व निरीक्षण सामने आ रहे हैं। शोध दस्तावेज पर आधारित स्टोरीज में आंकड़ों व सूचनाओं के परीक्षण पर आधारित प्रोटिविटी और टाइम्स नेटवर्क के अवलोकन व निष्कर्ष हैं। इस दस्तावेज पर आधारित स्टोरीज किसी भी चिकित्सा, सुरक्षा या नियामक कार्रवाई के लिए दावे या परामर्श नहीं हैं और न ही इसका संदर्भ किसी अन्य दावे, रिपोर्ट, इसी विषय पर तीसरे पक्ष के विश्लेषण को चुनौती देने वाले किसी दावे के तौर पर दिया जा सकता है।