नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले 'टाइम्स नाउ नवभारत' ने बड़ा खुलासा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में सियासत के कई राज से परदा उठने जा रहा है। चैनल के खुलासे के बाद यूपी की राजनीति में खलबली मचनी शुरू हो गई है। चैनल के स्पेशल इंवेस्टिंगेटिंग टीम के खुफिया कैमरे में यूपी की सियासत के बड़े सियासी खिलाड़ियों का चेहरा बेनकाब हुआ है। खुफिया कैमरे के एक-एक किरदार का असली चेहरा सामने आया है। ये नेता जनता को मूर्ख समझते हैं। सारा खेल मुख्यमंत्री बनने-बनाने और अपने लिए मंत्री पद पाने का है। चैनल का लक्ष्य किसी राजनीतिक पार्टी की छवि खराब करना नहीं है।बल्कि का उद्देश्य लोगों के सामने सच्चाई लाना है-
खुफिया कैमरे पर संजय निषाद का कबूलनामा
इसमें सबसे पहला नाम निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का है। उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के इरादे ठीक नहीं हैं। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में संजय सीट के लिए मोलभाव करते सामने आए हैं। निषाद कहते हैं कि वह पैसे के लिए अपनी सीटें बेचने के लिए तैयार हैं। संजय निषाद मायावती का फॉर्मूले का जिक्र करते हुए पाए गए। वह कहते हैं वह जिधर जाएंगे उसकी सरकार बन जाएगी। वह सपा को मारने की बात भी करते हैं। वह कहते हैं कि राज्य में बसपा मर गई है। लेकिन वह अपने बारे में भी कहते हैं कि वह अभी बेसलेस पार्टी के लीडर हैं।
निषाद को थाना जलाने, मर्डर से परहेज नहीं
संजय निषाद चुनाव जीतने के लिए मर्डर करने और थाने में आग लगाने की अपनी साजिश बताने लगे। वह कहते हैं, 'हमारे लोग तो थाना फूंकने वाले हैं। हमसे बड़ा गुंडा कौन होगा।' दावा है कि चुनाव में मर्डर करना पड़े तो वह भी करेंगे और चुनाव बाद केस वापस करा लेंगे। वह आगे कहते हैं, 'हमने बहुत बड़ी जमीन ली है। हम लोगों को ट्रेन करते हैं, उन्हें बताते हैं कि वह गरीब क्यों है। मुकेश सहनी अगर आएगा तो उसे मारकर भगा देंगे। सहनी की गाड़ी फूंक देंगे। दो-चार लोगों को जला देंगे।' निषाद की बातों से साफ जाहिर है कि निषाद आपराधिक प्रवृत्ति के नेता हैं।
सहनी ने टाइम्स नाउ नवभारत को धन्यवाद कहा
वीआईपी के अध्यक्ष मकेश सहनी ने कहा कि वह निषाद समाज को बर्बाद कर रहे हैं। पिछड़े समाज को बरगला रहे हैं। हत्या कराने की वह राजनीति करते हैं। वह यह सब करा सकते हैं। वह समाज नहीं अपने परिवार की राजनीति कर रहे हैं। निषाद अपनी दुकान चला रहे हैं और सौदे की राजनीति कर रहे हैं। बता दें कि सहनी यूपी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है।
जनता तय करे कि ऐसे नेताओं को वोट नहीं देंगे-प्रदीप सिंह
इस खुलासे पर 'टाइम्स नाउ नवभारत' से बातचीत में राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप सिंह ने कहा कि यह राजनीति कि ऐसी असलियत है जिसे जानते तो सभी हैं लेकिन इसे स्वीकार नहीं करते। इसमें मतदाताओं का कोई दोष नहीं है लेकिन मतदाताओं को यह तय करना होगा कि वे पैसे लेकर सीटें बेचने वाले नेताओं एवं पार्टियों को वोट नहीं करेंगे। तभी जाकर इस पर रोक लगेगी।
चैनल निषाद के घर पहुंचा, कैमरा देख छिपे
इस खुलासे पर चैनल ने दिल्ली में स्थित संजय निषाद के घर पहुंचा। इस स्टिंग पर निषाद ने पहले जवाब देने से इंकार कर दिया। कैमरा देखने पर वह अपने कमरे में छिप गए। वह रिपोर्टर के सवालों पर बचते नजर आए। उन्होंने इस स्टिंग को झूठ करार दिया।
निषाद पर अगला खुलासा, ..तो सपा के साथ चले जाएंगे
चैनल के स्टिंग के अलगे हिस्से में संजय निषाद ने कई चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनकी बातों से पता चलता है कि उनके मन में राजनीति के नाम पर कितना मैल जमा है। पैसों के लिए वह कितना नीचे गिर सकते हैं, इसका कबूलनामा उन्होंने खुद किया है। स्टिंग ऑपरेशन में वह कहते हैं कि भाजपा से मनमाफिक सीटें नहीं मिलने पर वह सपा के साथ चले जाएंगे। वह सीएम योगी आदित्यनाथ को अपना दुश्मन बताते हैं। वह कहते हैं कि 2022 में योगी अदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। ऐसे में पैसे कमाना आसान हो जाएगा। दावा है कि वह एक उम्मीदवार पर वह दो करोड़ रुपए खर्च करेंगे। वह चुनाव प्रचार के दौरान शराब बंटवाने से भी परहेज नहीं करेंगे।
चैनल के खुलासे पर राजभर ने दी प्रतिक्रिया
चैनल के इस खुलासे पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम पैसे की राजनीति नहीं करते हैं। वंचित समाज आम लोगों के हक की लड़ाई लड़ता है। निषाद के बारे में हम क्या कहें। हम अपने बारे में बता सकते हैं। संजय निषाद को मैंने अपने साथ लाने की कोशिश की लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा नहीं है। वह भाजपा के साथ रहना चाहते हैं। भाजपा से देश परेशान है। भारतीय जनता पार्टी उपयोग करो और छोड़ देने वाली पार्टी है। अनुप्रिया पटेल के साथ भी वह ऐसा कर रही है।
हम 62 प्रतिशत वोट को अपने साथ लाने में जुटे हैं-राजभर
सपा का दावा है कि 400 सीटें जीते रही है। भाजपा 300 से ज्यादा और इतनी ही सीटें बसपा भी जीतने का दावा कर रही है। यूपी में हमारा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है। हमारे साथ पिछड़ों का वोट है। हम 62 प्रतिशत वोट को अपने साथ करने में जुटे हैं। ओवैसी सहित हमारे मोर्चा के सभी साथी मेहनत कर रहे हैं। हमारी कोशिश सभी को जोड़कर एक साथ लेकर चलने की है। भाजपा की राजनीति हिंदू-मूसलमान की राजनीति कर रही है। मुजफ्फरनगर किसान रैली से एकता का संकेत निकला है।