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Times Now Summit 2020: सीडीएस जनरल रावत ने बताया-देश को केंद्रीय एकीकृत कमान की जरूरत क्यों है

Updated Feb 12, 2020 | 13:29 IST

Times Now Summit 2020 : सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने देश में तीनों सेनाओं का एक थिएटर कमान बनाने की जरूरत पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सेना देश की सीमा सुरक्षा करने के लिए हमेशा तैयार है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Times Now Summit 2020 : सुरक्षा, रणनीति पर बोले सीडीएस रावत।

नई दिल्ली : चीफ ऑफ ऑर्मी स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार है। सेना का आधुनिकीकरण तेजी से हो रहा है और अगले 10 सालों में भारतीय सेना बहुत हद तक स्वदेशी हथियारों एवं रक्षा प्रणालियों पर निर्भर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं का एकीकृत कमान बनाने की दिशा में सबसे पहले एयर डिफेंस कमान पर काम चल रहा है। सीडीएस रावत ने ये बातें 'टाउम्स नाउ समिट 2020' में कहीं। 

सीडीएस बनने के बाद इस तरह के अपने पहले कार्यक्रम में जनरल रावत ने सेना, सुरक्षा एवं रणनीति पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में छद्म युद्ध चल रहा है। छद्म युद्ध कानून-व्यवस्था को चुनौती देता है। पूर्वी एवं पश्चिमी सीमा की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी सीमा एवं भारतीय प्रायद्वीप की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं। पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर चुनौती मिलने पर उससे एक साथ निपटने की योजना हमारे पास है।'

तीनों सेनाओं का एकीकृत कमान बनाने के सवाल पर जनरल रावत ने कहा, 'भविष्य की चुनौतियों एवं सेना के संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए तीनों सेनाओं बेहतर तालमेल की जरूरत है। सेनाओं में बेहतर तालमेल एवं समन्वय से कम समय में बेहतरीन परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। पिछले समय में तीनों सेना में तालमेल का अनुभव किया गया। हमारे संसाधन होते हुए भी अभियान के दौरान प्रक्रियागत मंजूरी मिलने में देरी सामने आई। आज जरूरत तीनों सेनाओं में कम्युनिकेशन और को-आर्डिनेशन को और बेहतर बनाने की है।' 

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि लीडरशिप और लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा ज्यादा तैयार रहने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इस सवाल पर कि हाल ही में बर्फीले इलाकों में जवानों के पास जरूरी चश्मे की कमी की बात सामने आई थी। इस मुद्दे को जनरल रावत ने गैर जरूरी और गलत बताया। 

उन्होंने कहा कि यह बात सही होती तो कई जवान अंधेपन का सामना कर रहे होते जबकि ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है। अपनी राजनीतिक आलोचना पर सीडीएस ने कहा कि वह आलोचना को स्वीकार करते हैं और उससे डरते नहीं। हर बार कोई व्यक्ति सही नहीं होता और यह बात उन पर भी लागू होती है। सीडीएस ने कहा कि हथियारों को एक साथ बड़ी संख्या में शामिल न करके धीरे धीरे कई चरणों में शामिल किया जा रहा है। ताकि एक साथ उपकरण पुराने पड़कर बोझ न बनें और नई तकनीक समय समय पर सेनाओं में आती रहे।


महिला अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे पर तैनाती के सवाल पर उन्होंने कहा, मैंने कभी यह नहीं कहा कि महिला अधिकारी कमान नहीं संभाल सकतीं। लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि सेना में लोअर रैंक भी हैं। इन पदों पर भी महिलाओं की तैनाती होनी चाहिए। सेना पुलिस में 100 महिलाओं का प्रशिक्षण चल रहा है। सेना के शिक्षा डिवीजन में महिला अधिकारी पहले से मौजूद हैं।
 

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