नई दिल्ली: इतिहास में 25 सितंबर की तारीख देश के दो प्रमुख राजनीतिक दिग्गजों के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। जाने-माने विचारक, दार्शनिक और भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को मथुरा में हुआ था। वहीं भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल का जन्म 25 सितंबर को 1914 में हिसार जिले के तेजाखेड़ा गांव में हुआ था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जब अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे, उसी वक्त वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आए और आरएसएस के प्रचारक बन गए। हालांकि प्रचारक बनने से पहले उन्होंने 1939 और 1942 में संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण लिया था और इस प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें प्रचारक बनाया गया था। वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था। भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल का जन्म भी 25 सितंबर को 1914 में हुआ था। वह हरियाणा में ‘ताऊ देवी लाल’ के नाम से प्रसिद्ध रहे। हरियाणा की राजनीति में उनका बहुत दखल रहा और उसी लोकप्रियता के चलते वह राष्ट्रीय राजनीति के मंच पर भी एक बड़ी भूमिका निभाने में सफल रहे।
देश दुनिया के इतिहास में 25 सितंबर की तारीख पर दर्ज कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1340 : इंग्लैंड और फ्रांस ने निरस्त्रीकरण संधि पर हस्ताक्षर किए।
1654 : इंग्लैंड और डेनमार्क ने व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए।
1914 : भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल का जन्म हुआ।
1916 : प्रसिद्ध भारतीय विचारक, दार्शनिक और भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ।
1974 : पांचवी पंचवर्षीय योजना पूर्ण हुई।
1974 : अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
1984 : मिस्र और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंध फिर से बहाल हुए।
1985 : अकाली दल ने पंजाब राज्य में चुनाव में जीत दर्ज की।
1992 : चीन ने लोप नोर, पीआरसी में परमाणु परीक्षण किया।
2008 : चीन ने अंतरिक्ष यान ‘शेनझोओ 7’ का प्रक्षेपण किया।
2018 : महेंद्र सिंह धोनी दुबई में एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करके 200 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी करने वाले पहले भारतीय बने।
2020 : मशहूर गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद निधन।
2020 : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) अस्तित्व में आया, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद की जगह ली। इसे भारत के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों और चिकित्सा पेशेवरों के नियमन के लिए नीतियां बनाने का अधिकार है।