- सरकार ने 1178 अकाउंट्स बंद करने के लिए ट्विटर को निर्देश दिए हैं
- सरकार का कहना है कि इन अकाउंट्स से प्रसारित हो रही 'भड़काउ सामग्री'
- ट्विटर ने 500 से करीब अकाउट्स को बंद किया, इस कदम से सरकार नाराज
नई दिल्ली : भारत में ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है क्योंकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए उसने जो सूची सौंपी है उसके साथ वह कोई नरमी बरतने के लिए तैयार नहीं है। सरकार 'किसान नरसंहार' हैशटैग चलाने और 'भड़काऊ कंटेंट' का प्रसार करने वाले लोगों के ट्विटर अकाउंट बंद करने के लिए ट्विटर को निर्देश दिया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गत सोमवार को 1178 अकाउंट्स बंद करने के लिए ट्विटर को निर्देश दिए। सरकार का कहना है कि ये अकाउंट्स कथित रूप से पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से जुड़े हैं। सरकार का दावा है कि ये अकाउंट्स किसान आंदोलन पर 'भ्रामक एवं भड़काऊ सामग्री' प्रसारित कर रहे हैं।
500 से ज्यादा अकाउंट्स पर ट्विटर ने रोक लगाई
ट्विटर ने कहा है कि भारत सरकार के अनुरोध पर उसने 500 से ज्यादा अकाउंट्स पर रोक लगा दी है। हालांकि, उसने यह भी कहा है कि नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत उसके फरमान का पालन नहीं करने पर उसका धैर्य जवाब दे रहा है।
कोर्ट जा सकती है ट्विटर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के निर्देश पर करीब आधे अकाउंट्स पर रोक लगाने वाली अमेरिका की माइक्रो-ब्लॉगिंग सोशल साइट अब कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है क्योंकि ट्विटर का कहना है कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगी। बुधवार को ट्विटर के अधिकारियों मोनिक मेचे एवं जिम बेकर के साथ आटी सचिव अजय प्रकाश साहनी की बैठक हुई। इस बैठक के बाद सचिव ने स्पष्ट किया कि विवादास्पद हैशटैग का इस्तेमाल न तो पत्रकारिता की आजादी है और न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क्योंकि 'गैर-जिम्मेदार सामग्री स्थिति को विस्फोटक बना सकती है।' सचिव ने कैपिटल हिल एवं लाल किले की हिंसा में अंतर करते हुए ट्विटर की कार्रवाई पर नाखुशी भी जाहिर की।
रवि शंकर प्रसाद से नहीं हुई मुलाकात
रिपोर्ट में सरकार के एक सूत्र से हवाले से कहा गया, 'ट्विटर को सरकार के आदेश का पालन करना होगा। यह बातचीत करने का मामला नहीं है। यह देश का कानून है और हमारी तरफ से उठाए गए कदमों से यदि किसी को परेशानी है तो वह कानूनी रास्ता अपना सकता है।' सरकार का मानना है कि ट्विटर की ओर से उसके आदेशों का अनुपालन तुरंत होना चाहिए। सूत्र का कहना है, 'ट्विटर यदि इस पर हिचकिचाते हुए अथवा बेमन से अथवा 10 से 12 दिनों के बाद कार्रवाई करता है तो यह वास्तव में अनुपालन का मामला नहीं रह जाएगा।' ट्विटर ने केंद्रीय सूचना मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात का समय मांगा था लेकिन उसके इस अनुरोध को खारिज कर दिया गया।
ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करने के ट्विटर के कदम को ‘असामान्य’ बताया
हालांकि, सरकार ने मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के साथ वार्ता के पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करने के ट्विटर के कदम को ‘असामान्य’ कदम बताया। ट्विटर ने बुधवार को ब्लॉगपोस्ट में कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी अधिकार का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह ‘भारतीय कानून के तहत ट्विटर एवं प्रभावित खातों, दोनों के लिए विकल्प तलाश करने की सक्रियता से कोशिश कर रही है।’