मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने के फैसले पर पहले की सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को फटकार लगाई। इस कदम को अवैध बताते हुए शिंदे ने आश्वासन दिया कि अगली कैबिनेट बैठक में इस मामले की फिर से पुष्टि की जाएगी। शिंदे ने कहा कि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का औरंगाबाद शहर का नाम बदलने का फैसला अवैध था क्योंकि उद्वव ठाकरे सरकार अल्पमत में आ गई थी और अगली कैबिनेट बैठक में इसकी मंजूरी दी जाएगी। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले पर बात की और कहा कि 'औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला एक अवैध सरकार ने एक गैरकानूनी कैबिनेट में फैसला लिया था।
फडणवीस ने कहा कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला एक अवैध सरकार ने एक गैरकानूनी कैबिनेट में लिया क्योंकि राज्यपाल ने उनसे फ्लोर टेस्ट के लिए कहा था। नाम हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं लेकिन हमारी कैबिनेट ये नाम देगी। उस अवैध कैबिनेट द्वारा फैसला मान्य नहीं होगा। डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के पास औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर में बदलने के सभी अधिकार हैं और इस संबंध में उद्धव ठाकरे कैबिनेट द्वारा पहले लिया गया फैसला गलत था। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिंदे सरकार के पास नाम बदलने का अधिकार है और हम औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर देंगे ठाकरे कैबिनेट का फैसला गलत है।
महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 11 जुलाई को कहा था कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने का फैसला उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में लिया गया था। यह महा विकास अघाड़ी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का नहीं है।