पटना : पासवान के छोटे भाई पारस ने दावा किया कि केंद्र ने चिराग को 12ए जनपथ बंगला खाली करने से पहले छह नोटिस भेजे थे और आरोप लगाया कि चिराग अब यह दावा करके सहानुभूति बटोर रहे हैं कि बेदखली के दौरान रामविलास पासवान के सामान को विरूपित कर दिया गया।पारस को एक साल पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया, 'चिराग ने खुद बड़े साहब (रामविलास पासवान) की तस्वीरें सड़क के किनारे फेंकी थीं और अब वह विलाप कर रहे हैं कि बेदखली को अंजाम देने वाले कर्मियों ने ऐसा किया।' उन्होंने पूछा, 'वह अपना सारा सामान सुरक्षित रूप से कैसे ले गए और बंगले के बाहर फेंकी गई चीजों में उनकी और उनकी मां का एक भी सामान क्यों नहीं था।'
हाजीपुर लोकसभा सीट से पासवान कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और अब पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपने भाई द्वारा स्थापित दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख हैं। पिछले साल लोजपा के सांसदों को विभाजित कर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नामक एक अलग गुट बनायी गई थी।
'अगर चिराग मर्यादा में रहते तो मुझे नहीं बल्कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता'
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग के विद्रोह की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अगर चिराग मर्यादा में रहते तो मुझे नहीं बल्कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता। पार्टी बरकरार रहती और वह खुशी-खुशी 12ए जनपथ में रह रहे होते।' पारस ने आरोप लगाया कि चिराग ने पिछले शनिवार को पटना के मोकामा में रहते हुए उनपर जानलेवा हमले की साजिश रची थी।
दलित नेता बाबा चौहरमल की स्मृति में आयोजित एक समारोह के मार्ग से गुजर रहे पारस के काफिले को चिराग के समर्थकों ने रोक दिया था और काले झंडे भी दिखाए थे। चिराग भी उसी दिन मोकामा गए थे और एक जनसभा को संबोधित किया था।