प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के मौके पर राष्ट्रहित में कानूनों को वापस लेने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा।कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे संसद द्वारा कानून निरस्त किए जाने तक प्रदर्शन स्थल पर डटे रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर दिया था, अब खबर है कि इस बुधवार यानी 24 नबंवर को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि कानून को वापस लेने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अब सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद में विधेयक पेश करेगी वहीं दूसरी ओर किसानों ने कहा है कि वे विरोध प्रदर्शन को तब तक नहीं रोकेंगे जब तक कि इसे संसद में रद्द नहीं कर दिया जाता है। भविष्य की रणनीति तय करने के लिए किसान सभा महत्वपूर्ण बैठक करने के लिए तैयार है।
22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत में पूरी ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए कहा है।
'शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा'
गौर हो कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने घोषणा की कि केंद्र संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को आधिकारिक रूप से निरस्त कर दिया जाएगा, गुरु परब के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का एक वर्ग कई दौर की बातचीत के बावजूद कृषि कानूनों के लाभों से असंबद्ध रहा, कानूनों को निरस्त करते हुए, उन्होंने विरोध करने वाले किसानों से घर जाने का आग्रह किया।