महंगाई से जूझ रहे देश में आम जनता के लिए जिंदगी का गुजारा करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। इसी दौरान केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को भी भुट्टे की दुकान में 15 रुपये के भुट्टे में महंगाई नजर आयी। अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एक बार फिर सुर्खियों में है। जहां केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भुट्टे की दुकान में महंगाई को लेकर अजीबोगरीब तर्क वितर्क कर रहे है। मण्डला जिले के सांसद और केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का भुट्टे खरीदने का वीडियो वायरल हो रहा है। केंद्रीय मंत्री सिवनी से मण्डला जा रहे थे, इसी दौरान रास्ते मे वह एक भुट्टे की दुकान में रुके, जहां से उन्होंने दुकानदार से भुट्टा खरीदा, जिसमे 15 रुपये का भुट्टा मंत्री जी को महंगा लग रहा है। 15 रुपये के भुट्टे में मंत्री जी को महंगाई नजर आ रही है। मंत्री जी का जो वीडियो वायरल हो रहा है,उसमे मंत्री जी भुट्टे खरीदने के दौरान मोल भाव भी करते नजर आ रहे है, इस दौरान मंत्री जी दुकानदार से ये भी कहते नजर आ रहे है कि भुट्टा तो फ्री में मिलता है। इसके बाद मंत्री जी दुकानदार का नाम पूछते है, दुकानदार मंत्री जी को अपना नाम धर्मेंद्र बताता है। इसके बाद मंत्री जी दुकानदार को धर्मेन्द्र बेटाराम तुम भुट्टा 15 रुपये में बेचते हो, क्या किलो है भुट्टा, भुट्टा किलो में क्या भाव बिकता है।इसके बाद मंत्री जी को दुकानदार भुट्टा दर्जन में बिकता है, बोलता है। ये वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
भुट्टे वाला लड़का
तीन देना है न आपको ?
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
हां-हां दे दो। जितने भुन रहे हैं, उतने दे दो।
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
पेपर है, उसमें लपेट के देना। कितना हो गया तुम्हारा ?
भुट्टे वाला लड़का
45 रूपए
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
कितना हुआ?
भुट्टे वाला लड़का
45 रुपए
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
45 रुपए हो गए ? इतना महंगा देते हो ?
भुट्टे वाला लड़का
15 रुपए का है एक। तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं लेकिन भुट्टा खरीद ही पड़ती है
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
ना ना यहां तो फ्री में मिलता है बे
भुट्टे वाला लड़का
फ्री में कहां मिलता है..हा हा हा । 5 रुपए में तो खरीद कर लाए हैं।
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
क्या नाम है तेरा ?
भुट्टे वाला लड़का
धर्मेन्द्र
फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री
धर्मेन्द्र, बेटा राम। कैसे किलो है भुट्टा ?
भुट्टा किलो में क्या भाव है ?
भुट्टे वाला लड़का
किलो में नहीं दर्जन में बिकते हैं।
महंगाई आज की तारीख में सबसे बड़ी समस्या है। इस बात को सरकार माने या माने। सरकार के कोई मंत्री मानें या मानें। क्योंकि सत्ता में बैठे नेताओं की मजबूरी होती है कि वो सच को स्वीकार करने में हिचकिचाते हैं। लेकिन केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को सड़क पर चलते चलते महंगाई के ऐसे दर्शन हुए कि 45 रुपए देने से पहले वो एक मिनट को ठहर गए। ये रिपोर्ट इस देश के सारे नेताओं को जरूर देखनी चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि आज की तारीख में देश में महंगाई की हालत क्या है ऊपर से GST की चोट ने तो आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। वो तो अच्छा हुआ कि कुलस्ते साहब को भुट्टा खरीदते हुए GST नहीं देनी पड़ी।
देश की आम जनता महंगाई के कारण भुट्टे की तरह भुनी जा रही है और मंत्री जी को 15 रुपए में एक पका-पकाया, नमक-नींबू लगाया भुट्टा महंगा लग रहा है। ये तो अच्छा हुआ कि भुट्टे वाले लड़के ने ऊपर से जीएसटी नहीं जोड़ा वरना मंत्री की परेशानी-हैरानी तो देखते ही बनती।
संसद में कैंटिन वाली सब्सिडी भले ही खत्म हो गई है, लेकिन मंत्री जी को आदत अभी भी पुरानी वाली ही है। ये फग्गन सिंह कुलस्ते हैं, भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री। साहब, मध्य प्रदेश में सड़क के रास्ते निकले थे। मौसम सुहाना देखा तो अपनी लाखों की XUV को सड़क के किनारे लगा दिया। फिर झक्क सफेद कुर्ता-पैजामा, चमकते हुए जूते पहनकर मंत्री जी टूटी हुई झोपड़ी में भुट्टा बेचने वाले लड़के के पास पहुंचे। तीन भुट्टा मांगा। यहां तक तो सब सही था। लेकिन जैसे ही तीन भुट्टे की कीमत सुनी, स्वाद से पहले ही मंत्री जी की जीभ छनछना उठी।
फग्गन सिंह कुलस्ते इस देश के ग्रामीण विकास मंत्री हैं। मतलब गांवों के विकास का ख्याल रखने की उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन गांव-घर, खेती-किसानी से इतने कटे हुए हैं कि उन्हें महंगाई का कोई एहसास ही नहीं है। महंगाई तो दूर की बात हो गई। अभी भी कुलस्ते साहब को लगता है कि किसान मेहनत से खेत में भुट्टा उगाकर फ्री में बांट देते हैं।
इस देश के ग्रामीण विकास मंत्री ये कहां जान पाएंगे कि इस देश में किसी गरीब के लिए 5 रुपए, 10 रुपए की क्या कीमत है। साहब कहां जान पाएंगे कि टूटी हुई झोपड़ी में सुनसान सड़क के किनारे एक बच्चा किस हालत में भुट्टा बेचकर 100-200 रुपए अपने परिवार के लिए कमाता है। मंत्री जी को ये भी नहीं पता होगा कि आजकल नींबू और नमक का भाव क्या चल रहा है। वरना ना तो ऐसे सवाल करते और ना ही उनका ऐसा हैरान करने वाला जवाब आता।
अफसोस है लेकिन सच है जिस देश के संसद में महंगाई के नाम पर कोहराम मचा हो, विपक्ष के सवाल पर सरकार की चुप्पी हो। उसी देश के केंद्रीय मंत्री को सरेराह महंगाई से ऐसे सामना होता है कि एक भुट्टा की कीमत सुनकर हैरानी हो जाती है। थोड़ा और हंस लीजिए, संसद में महंगाई के नाम बवाल के बीच संसद की कार्यवाही चली ही नहीं, इस चार दिन में।
महंगाई पर संसद में बवाल! बवाल के बीच करोड़ों स्वाहा!
18 से 21 जुलाई तक संसद में कुल 26.4 करोड़ बर्बाद
लगातार चार दिन संसद में महंगाई पर हंगामा हुआ
संसद अगर एक घंटे चले तो 1.5 करोड़ का खर्च
एक मिनट संसद चले तो 2.5 लाख का खर्च
बताइए, उसी महंगाई पर चर्चा के चक्कर में करीब साढ़े 26 करोड़ बर्बाद हो गए। जिससे मंत्री जी का सीधा सामना हुआ है। आखिर में भुट्टे लेकर और अपने बटुए से 45 रुपए देकर मंत्री जी चले तो गए लेकिन कई सवाल छोड़ गए। जिसमें सबसे अहम ये है कि जब देश के केंद्रीय मंत्री को महंगाई से पसीना छूट जा रहा है तो वो भुट्टा बेचने वाला लड़का इस महंगाई में अपना परिवार कैसे चलाता होगा? क्योंकि महंगाई आज की तारीख में सबसे बड़ा मुद्दा है और इसी मुद्दे पर ना तो सरकार बात करना चाहती है और ना ही सरकार के मंत्री।