नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित लाल किले पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसने हर किसी को हैरान कर दिया है। किसान नेता भी इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने वहां जिस तरह हुड़दंग मचाया और लाल किले के गुंबद पर निशान साहिब का झंडा लहराया, उससे लोगों में रोष है।
इन सबके बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बुधवार को लाल किला जाकर हालात का जायजा लिया। लाल किले से जो तस्वीरें व वीडियो सामने आ रहे हैं, उसमें तबाही के मंजर को साफ देखा जा सकता है।
उपद्रवियों ने यहां कई जगह कांच के लगे शीशे तोड़ दिए तो टिकट काउंटर को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी कई जगह बैरिकेड्स तोड़कर आगे निकल गए। जगह-जगह किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में 83 पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है।
किसान संगठनों ने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को भीड़ को उकसाने और लाल किले की ओर ले जाने का आरोप लगाया है और कहा है कि यहां प्रदर्शन उनके पूर्व निर्धारित रूट में शामिल नहीं था।
पुलिस ने इस मामले में अब तक 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस लाल किला परिसर में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए हुड़दंग की जांच कर रही है।
कई वीडियो और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि दोषियों के बारे में पता लगाया जा सके। पुलिस ने साफ कर दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते करीब दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को उन्होंने ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी। प्रशासन ने शर्तों के साथ उन्हें इसकी अनुमति दी थी और इसके लिए मार्ग भी निर्धारित किया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने इसका अनुसरण नहीं किया, जिसका नतीजा लालकिले पर उपद्रव के रूप में सामने आया।