गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस कैसा काम कर रही है, जनता के बीच पुलिस की छवि कैसी है, इसको जानने के लिए गोरखपुर के एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक फीडिंग की एक नई शुरुआत की है जिसको यूपी डीजीपी ने भी सराहा है। एडीजी जोन की टीम पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम से जनता का फीडबैक लेकर तीन बार गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस का मूल्यांकन कर चुकी है।
जोन की पुलिस का जून माह का परफार्मेंस जानने के लिए इस समय 11 से 17 अगस्त तक पब्लिक का फीडबैक लिया जा रहा है। इस बार इस सर्वे में आम लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए एडीजी ने ट्वीटर लिंक व डायरेक्ट पोल लिंक जारी कर दिया है जिससे पोल करना और भी आसान हो गया है।
Direct Poll Link के जरिये थाना प्रभारियों का भी मूल्यांकन
अभी तक गोरखपुर जोन के 11 जिलों में थाना प्रभारियों का भी मूल्यांकन किया जाो रहा था, लेकिन गोरखपुर में नहीं हो रहा था। अब इस direct poll link के जरिये यहां के थाना प्रभारियों का भी मूल्यांकन इसी तरह कराया जा रहा है। एडीजी जोन अखिल कुमार ने बताया कि जनता का जो भी फीडबैक पुलिस के लिये आता है उसकी जोन कार्यालय में पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है।
...तो वहां के प्रभारी को इसे सुधारने के लिए कहा जाता है
अगर पुलिस को पब्लिक फीडबैक खराब आता है तो वहां के प्रभारी को इसे सुधारने के लिए कहा जाता है और अगर वह फिर भी नहीं सुधरा तो उन्हें वार्निंग दी जाती है। इसके बाद भी अगर सुधार नहीं आया तो तीसरी बार उन्हें हटा दिया जाएगा।
थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ इस लिंक को अपने क्षेत्र के शेयर करवाएंगे
सभी 11 जिलों के थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ इस लिंक को अपने क्षेत्र के शेयर करवाएंगे और थाना प्रभारियों का इसी तरह मूल्यांकन कराया जाएगा। एडीजी का कहना है कि इस सर्वे में आम लोगों की भागीदारी बहुत अच्छी देखने को मिल रही है और लोगों की पसंद के हिसाब से थानों में प्रभारियों की तैनाती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस के बारे में जनता की राय जानने का कार्यक्रम लोग काफी पसंद कर रहे हैं
गोरखपुर के एडीजी जोन के द्वारा डायरेक्ट पोल लिंक के जरिए पुलिस के बारे में जनता की राय जानने का कार्यक्रम लोग काफी पसंद कर रहे हैं। गोरखपुर के लोगों का कहना है कि अब बिना हिचक के वह पुलिस के बारे में अपनी अच्छी या बुरी राय दे सकते हैं और अगर इस पर विभाग अमल करता है और पुलिसकर्मियों का नाम खराब करने वाले दरोगा या कांस्टेबल को थाने से हटाया जाता है तो निश्चित रूप से यह प्रदेश की सबसे बड़ी योजना होगी।