- यूपी के उन्नाव में आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया
- वह अपने मुकदमे के सिलसिले में जा रही थी जब आरोपियों ने उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी
- पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा कि आग के हवाले किए जाने से पहले आरोपियों ने उसे बुरी तरह पीटा और प्रताड़ित किया
नई दिल्ली: यूपी के उन्नाव में आग के हवाले की गई रेप पीड़िता ने आखिरकार सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी व मौत से जूझते हुए दम तोड़ दिया। बुरी तरह झुलस चुकी पीड़िता को एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां शुक्रवार देर रात उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। 90 प्रतिशत तक झुलस गई पीड़िता की हालत पहले से ही गंभीर बताई जा रही थी।
सफदरजंग अस्पताल में बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात करीब 11:10 बजे उसे हृदयाघात हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उसे बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। रात 11:40 में उसने दम तोड़ दिया।
पीड़िता की हालत पहले से ही गंभीर बताई जा रही थी और डॉक्टरों का कहना था कि उसकी हालत रह-रह कर बिगड़ जाती थी। पीड़िता को गुरुवार को यहां भर्ती कराया गया था। 23 वर्षीया पीड़िता को गुरुवार रात लखनऊ के एसएमसी सरकारी अस्पताल से यहां लाया गया था, जिसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर सफदरजंग अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया था। इसकी मदद से सिर्फ 18 मिनट में एंबुलेंस अस्पताल पहुंच गई। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
पीड़िता ने इसी साल मार्च में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी और इसी सिलसिले में वह रायबरेली जा रही थी, जब आरोपियों ने उस पर केरोसिन तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। मजिस्ट्रेट को दिए बयान में पीड़िता ने कहा कि आग के हवाले किए जाने से पहले आरोपियों ने उसे बुरी तरह पीटा और प्रताड़ित किया।
उन्नाव की यह घटना ऐसे समय में सामने आई, जबकि तेलंगाना में एक महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसे जिंदा जलाए जाने की घटना को लेकर पहले ही देशभर में आक्रोश था। पुलिस ने उन्नाव कांड के सिलसिले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब जबकि तेलंगाना घटना के आरोपियों को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है, उन्नाव पीड़िता के परिजनों ने भी अपनी बेटी के लिए इसी तरह के 'त्वरित न्याय' की मांग की है।